गढ्डों के 'आतंक' पर आंखें मूंदे अफसर
सड़क सुरक्षा मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है कि सड़क के गड्ढे आतंकी हमलों से ज्यादा खतरनाक हैं।
जागरण संवाददाता, कानपुर : सड़क सुरक्षा मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है कि सड़क के गड्ढे आतंकी हमलों से ज्यादा खतरनाक हैं। अगर कानपुर की सड़कों पर नजर डालें तो यह शहर बहुत खतरनाक स्थिति में नजर आता है। प्रमुख सड़कों पर भी गहरे-गहरे गड्ढे हैं। गढ्डों के इस 'आतंक' पर जिम्मेदार अफसर गहरी नींद में सो रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने सड़कों को गड्ढामुक्त करने का अभियान चलाया, लेकिन इसका खास लाभ इस शहर को नहीं मिला। बेशक, आए दिन मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री यहां आते रहते हों। दो-दो मंत्रियों का यह गृहनगर हो, लेकिन अधिकारियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। इन गड्ढों की वजह से आए दिन हादसे होते हैं, राहगीरों की जान जाती है। बुधवार को ही चुन्नीगंज निवासी 45 वर्षीय स्कूटी सवार राकेश कुमार पनकी में गड्ढे की वजह से हादसे का शिकार हुए, बस ने उन्हें रौंद डाला। इस मौत के बाद भी अधिकारियों ने शहर में स्थिति सुधारने को कोई प्रयास नहीं किया।
---
यहां प्रमुख सड़को पर भी गड्ढे
- जीटी रोड पर अफीमकोठी के पास बड़ा गड्ढा है। इस पर ध्यान नहीं।
- जीटी रोड पर ही गुमटी के पास गड्ढा राहगीरों के लिए मुश्किल बना हुआ है।
- पांडुनगर में अस्पताल के पास गड्ढा है।
-वीआइपी रोड पर एल्गिन मिल के सामने सड़क के बीचों-बीच गड्ढा है, जिसे भरने की बजाए पेड़ की टहनियों से ढंक दिया गया है।
---
चकेरी में धंसी जीटी रोड
कानपुर : चकेरी में जीटी रोड कृष्णानगर क्षेत्र के पास शुक्रवार शाम धंस गई। इससे सड़क में एक मीटर गहरा व दो फुट लंबाई में गहरा गढ्डा हो गया। कोई वाहन सवार जख्मी न हो इसके लिए आसपास के लोगों ने ईट से घेराबंदी करने के साथ ही पेड़ की टहनी गड्ढे में में डाल दी। लोगों ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को सूचना दी। लेकिन कोई भी जिम्मेदार नहीं पहुंचा। (जासं)