आंकड़ों में दर्ज है उपभोक्ताओं से 'ठगी का सच'
पेट्रोल डीजल में घटतौली बढ़ी, 4.96 लाख जुर्माना, इस वित्तीय वर्ष में सात से बढ़कर 39 हो गए मामले
जागरण संवाददाता, कानपुर : पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने के साथ उपभोक्ताओं के साथ घटतौली भी बढ़ रही है। बांट-माप विभाग के आंकड़ों से यह बात स्पष्ट हो रही है। या यूं कहें कि विभाग के आंकड़ों में उपभोक्ताओं से ठगी का सच दर्ज है।
आइए, आपको भी इसकी जानकारी देते हैं। वित्तीय वर्ष 2016-17 की बात करें तो पेट्रोल पंपों पर 598 छापे मारे गए । जिसमे 31 मामले संदिग्ध पाए गए। विभाग ने सात पेट्रोल पंपों पर घटतौली पकड़ी और 1.44 लाख रुपये जुर्माना किया। वित्तीय वर्ष 2017-18 की बात करें तो बांट माप विभाग ने 1141 छापे मारे जिसमे 66 मामले पकड़े गए। इसमे 62 मामलों में विभाग ने जुर्माना किया। 39 पेट्रोल पंपों पर घटतौली पकड़ी गई। 4.96 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया।
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मई-जून में 77 हजार जुर्माना
इस वर्ष मई और जून माह में बांट माप विभाग ने 248 छापे मारे जिसमे 19 मामलों में अनियमितता पकड़ी गई। दो माह में ही विभाग अब तक पेट्रोल पंप संचालकों पर 77 हजार रुपये जुर्माना कर चुका है।
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' उपभोक्ताओं को सही माप और गुणवक्ता युक्त पेट्रोल -डीजल मिले इसके लिए लगातार छापे की कार्यवाही की जा रही है। घटतौली रोकने के लिए उपभोक्ताओं को स्वयं भी जागरूक होना होगा।'
-आरपी सिंह, सहायक नियंत्रक बांट माप
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उपभोक्ता इन बातों का रखें ख्याल
-पेट्रोल-डीजल लेते वक्त मशीन की स्क्रीन पर जीरो अवश्य देखें
-घटतौली की आशंका पर पांच लीटर के मापन यंत्र से पेट्रोल माप सकते हैं
-पांच लीटर पर 25 मिली कम या ज्यादा हो तो कोई कार्यवाही नहीं होगी
-घटतौली पकड़ी गई तो विभाग दस हजार रुपये जुर्माना करता है
-जुर्माना जमा नहीं हुआ तो विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया जाता है
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घटतौली पर क्षेत्रीय कार्यालय में करें शिकायत
उपभोक्ताओं को घटतौली की आशंका हो तो वह रामबाग, सरोजनी नगर, किदवई नगर, मुरे कंपनी और घाटमपुर स्थित अपने क्षेत्रीय कार्यालय में भी शिकायत कर सकते हैं।
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टोल फ्री नंबर पर करें शिकायत
टोल फ्री नंबर 18001800300
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ऐसे परखें मिलावट
-उपभोक्ता फिल्टर पेपर टेस्ट कर सकते हैं
-फिल्टर पेपर पर पेट्रोल की एक या दो बूंद डालें
-मिलावटी न होने पर पेट्रोल उड़ जाएगा
-मिलावटी होने पर पेट्रोल वाला स्थान गीला रहेगा
-ऐसा होने पर ऑयल कंपनी और जिलापूर्ति अधिकारी के साथ प्रशासनिक अफसरों से शिकायत करें
-उपभोक्ता बांट माप विभाग के टोल फ्री नंबर पर भी शिकायत कर सकते हैं।