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Toll plaza से गुजरते ही BIFA Software से पकड़े जाएंगे बिना E- Way बिल जा रहे ट्रक

वाणिज्य कर विभाग के विशेष अनुसंधान शाखा के अधिकारियों को इसी माह बिना ई-वे बिल के माल एक स्थान से दूसरे स्थान ले जा रहे ट्रकों की सटीक जानकारी के लिए इसी माह एक नया साफ्टवेयर बिजनेस इंटेलीजेंस एंड फ्राड एनालिटिक (बीफा) मिला है।

By Akash DwivediEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 06:15 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 06:15 AM (IST)
Toll plaza से गुजरते ही BIFA Software से पकड़े जाएंगे बिना E- Way बिल जा रहे ट्रक
कानपुर में हाईवे पर स्थित टोल प्लाजा का प्रतीकात्मक चित्र

कानपुर, जेएनएन। बिना ई-वे बिल जेनरेट किए सूबे में माल लेकर आवागमन करने वाले ट्रकों को पकडऩे के लिए वाणिज्य कर विभाग ने अब नई तकनीक का सहारा लिया है। टोल प्लाजा से ट्रक गुजरते ही विभागीय अधिकारियों के पास यह जानकारी आ जाएगी कि उस ट्रक के लिए ई-वे बिल जारी हुआ है या नहीं। इसके बाद विभागीय अधिकारी सचल दल के जरिए तुरंत कार्रवाई कर ट्रकों को पकड़ सकेंगे। मंगलवार को वाणिज्य कर अधिकारियों ने इसी साफ्टवेयर के जरिए चार ट्रक पकड़े थे।

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वाणिज्य कर विभाग के विशेष अनुसंधान शाखा के अधिकारियों को इसी माह बिना ई-वे बिल के माल एक स्थान से दूसरे स्थान ले जा रहे ट्रकों की सटीक जानकारी के लिए इसी माह एक नया साफ्टवेयर बिजनेस इंटेलीजेंस एंड फ्राड एनालिटिक (बीफा) मिला है। यह साफ्टवेयर टोल प्लाजा से link है। जैसे ही कोई ट्रक टोल प्लाजा से गुजरता है। टोल प्लाजा में लगा साफ्टवेयर बीफा को उस ट्रक का नंबर भेज देता है। बीफा साफ्टवेयर में जैसे ट्रक का नंबर पहुंचता है, वह पता कर लेता है कि उस ट्रक के नंबर पर कोई ई-वे बिल जारी किया गया है या नहीं। वह इसका संदेश तुरंत वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी के सिस्टम पर जेनरेट कर देता है। इसमें कुछ मिनट का ही समय लगता है और अधिकारियों को पूरी डिटेल मिल जाती है। ट्रक किधर से किधर जा रहा है, यह पता लगते ही सचल दल के अधिकारी ट्रक को पकड़ लेते हैं।

इनका ये है कहना

  • बीफा साफ्टवेयर से बिना ई-वे बिल जेनरेट किए प्रदेश में चल रहे ट्रकों की जानकारी तुरंत मिल रही है। इसकी वजह से ऐसे ट्रकों को पकडऩा बहुत आसान हो गया है। कोरोना काल के दौरान कारोबारियों ने बिना ई-वे बिल जेनरेट किए माल भेजना शुरू कर दिया था।  - सुशील कुमार सिंह, संयुक्त आयुक्त, विशेष                                                                                     अनुसंधान शाखा, वाणिज्य कर विभाग।  

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