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Triple Talaq: मुस्लिम महिलाओं ने भी बुलंद की आवाज, अगर उत्पीडऩ किया अब दो तलाक

कानपुर में खुला के मामलों में इजाफा हो गया है अबतक 150 महिलाएं अपील कर चुकी हैं जिसमें 48 को शौहर के उत्पीडऩ से निजात मिल चुकी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 08:37 PM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 08:37 PM (IST)
Triple Talaq: मुस्लिम महिलाओं ने भी बुलंद की आवाज, अगर उत्पीडऩ किया अब दो तलाक
Triple Talaq: मुस्लिम महिलाओं ने भी बुलंद की आवाज, अगर उत्पीडऩ किया अब दो तलाक

कानपुर, [मोहम्मद दाऊद खान]। तत्काल तीन तलाक पर कानूनी शिकंजा कसने के बाद अब घरेलू हिंसा के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं ने आवाज बुलंद की है। शौहर के उत्पीडऩ से त्रस्त ख्वातीन खुद तलाक के लिए दारुल कजा (शरई अदालत) का दरवाजा खटखटा रही हैं। शरई अदालत इन महिलाओं को शरीयत में दिए खुला (शौहर से अलग होना) के अधिकार के जरिए इंसाफ दिला रही है। नीचे दिए दो मामले बानगी भर हैं, अबतक 48 महिलाओं को सितम से राहत मिल चुकी है। साथ ही शरई अदालतों में खुला के मामले बढ़ रहे हैं।

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केस-1 : बेकनगंज निवासी एक व्यक्ति की शादी बाबूपुरवा में हुई। बाद में उसने दूसरी शादी कर ली और पहली बीवी पर ध्यान नहीं देता था। तंग आकर पहली बीवी ने दारुल कजा में खुला की अपील की। मुफ्तियों के पैनल ने दोनों पक्षों की सुनवाई की, इसके बाद खुला कराकर महिला को शौहर से आजादी दिलाई।

केस-2 : आंबेडकर नगर निवासी लड़की की शादी बलरामपुर में हुई थी। शौहर शराब पीकर मारपीट करता था। बीवी ने शरई अदालत में अपील की। मुफ्तियों ने खुला कराकर शौहर के उत्पीडऩ से निजात दिलाई। 

शरइ्र अदालत मोहकमा दारुल कजा में आ रहे मामले

शादी के बाद उत्पीडऩ, घरेलू हिंसा का शिकार हो रही कई मुस्लिम महिलाएं शौहर से छुटकारा चाहती हैं। इसके चलते वह शरई अदालत में खुला के जरिये निकाह खत्म कराने की अपील कर रही हैं। रजबी रोड स्थित मदरसा एहसानुल मदारिस जदीद में संचालित शरई अदालत मोहकमा दारुल कजा में ढाई वर्ष में 150 महिलाओं ने शौहर से अलग होने को खुला की अपील की।

अभी तक 48 महिलाओं को इंसाफ मिल चुका है। बाकी मामलों की सुनवाई चल रही है। खुला के मामलों में मुफ्तियों का पैनल दोनों पक्षों को बैठाकर समझाता है। इसके बाद शौहर को रजामंद करके खुला कराया जाता है।

शरीयत में अधिकार

मोहकमा ए दारुल कजा के इंचार्ज मुफ्ती रफी अहमद निजामी कहते हैं कि शरीयत में शौहर को तलाक और बीवी को खुला का अधिकार है। हिंसा, उत्पीडऩ व अन्य वजहों से परेशान महिलाएं खुला के लिए अपील कर रही है। दारुल कजा में 48 महिलाओं को सहमति से खुला के जरिए इंसाफ मिला है।


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