यूथ पार्लियामेंट में ट्रिपल तलाक और सिटिजनशिप संशोधन बिल पास
दैनिक जागरण के यूथ पार्लियामेंट में मंगलवार को कई घंटे तक चली बहस के बाद ट्रिपल तलाक और सिटिजनशिप संशोधन बिल सर्वसम्मति से पास हो गया।
By Edited By: Published: Wed, 07 Nov 2018 01:55 AM (IST)Updated: Wed, 07 Nov 2018 11:20 AM (IST)
कानपुर (जागरण संवाददाता)। दैनिक जागरण के यूथ पार्लियामेंट में मंगलवार को कई घंटे तक चली बहस के बाद ट्रिपल तलाक और सिटिजनशिप संशोधन बिल सर्वसम्मति से पास हो गया। मानसून सत्र के अंतिम दिन पक्ष और विपक्ष ने सहृदयता, सद्भावना, भाईचारा और देशहित की भावना के साथ अपने तर्क दिए। युवा सांसदों ने इंटरनेट, पुस्तकों के माध्यम से बिल पर शोध किया। उन्हीं शोध के आधार पर कानून बनाने के लिए वोटिंग हुई।
मंत्रीमंडल ने विकास कार्यो का एजेंडा पेश किया। उस पर शीतकालीन सत्र में चर्चा की जाएगी।
सबसे पहले सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल 2016 पर बहस हुई। युवा सांसदों ने सिख, ¨हदू, पारसी, जैन, बौद्ध, ईसाई के साथ ही अन्य समुदायों को भी इसमें शामिल करने पर जोर दिया। इस पर चर्चा हुई, लेकिन सहमति नहीं बन सकी। किसी तरह के अपराध में संलिप्त पाए जाने पर ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआइ) कार्ड के रद करने पर बहस छिड़ी। आखिर में संशोधित बिल पास हुआ, जिसमें अपराध को अलग-अलग श्रेणी में विभाजित करने का निर्णय लिया गया।
मुस्लिम वूमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज (ट्रिपल तलाक) पर गुजारा भत्ता को लेकर तर्क वितर्क हुआ। कुछ युवा सांसदों ने गुजारा भत्ते की राशि पति की आय का 50 फीसद करने का संशोधन प्रस्ताव रखा, जो संसदीय कार्यवाही के दौरान खारिज कर दिया गया। बिल की ड्राफ्टिंग कर रही कमेटी ने तर्क दिया कि गुजारा भत्ते की कार्यवाही का अधिकार मजिस्ट्रेट के पास रहता है। ऐसे में इसे बिल में जोड़ने की कोई जरूरत नहीं होनी चाहिए। कई मामलों में पति के साथ उसका परिवार भी जुड़ा रहता है। ऐसे में 50 फीसद गुजारा भत्ता गलत है।
मी-टू के मुद्दे पर खुलकर बोले सांसद
'डेमोक्रेसी की पाठशाला' में 'सेक्सुअल हैरेसमेंट एक्ट एट वर्क प्लेस विथ रेफरेंस टू मी-टू' और राष्ट्रीय नागरिक पंजिका (एनआरसी) के मुद्दे पर युवा सांसद खुलकर बोले। बांग्लादेश के साथ रो¨हग्या समेत अन्य शरणार्थियों के देश में आ जाने के विवाद पर बातचीत करने को कहा गया।
दो मिनट में बताए विकास कार्य
मंत्रीमंडल में शामिल युवा सांसदों को दो मिनट में विकास कार्यो को बताने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। इसमें नेता प्रतिपक्ष सुष्मित वर्मा, वित्तमंत्री आशीष गुप्ता, ग्रामीण एवं शहरी विकास मंत्री मनीष पांडेय, संसदीय कार्यमंत्री जय प्रकाश, मानव संसाधन विकास मंत्री तुषारिका शर्मा, गृह एवं विदेश मंत्री प्रखर शुक्ला, सामाजिक न्यायमंत्री तमन्ना शरीक ने सदन को संबोधित किया। नेता विपक्ष आशुतोष दीक्षित, स्पीकर माज आलम, डिप्टी स्पीकर प्रिया शुक्ला ने भी विचार व्यक्त किए।
मंत्रीमंडल ने विकास कार्यो का एजेंडा पेश किया। उस पर शीतकालीन सत्र में चर्चा की जाएगी।
सबसे पहले सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल 2016 पर बहस हुई। युवा सांसदों ने सिख, ¨हदू, पारसी, जैन, बौद्ध, ईसाई के साथ ही अन्य समुदायों को भी इसमें शामिल करने पर जोर दिया। इस पर चर्चा हुई, लेकिन सहमति नहीं बन सकी। किसी तरह के अपराध में संलिप्त पाए जाने पर ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआइ) कार्ड के रद करने पर बहस छिड़ी। आखिर में संशोधित बिल पास हुआ, जिसमें अपराध को अलग-अलग श्रेणी में विभाजित करने का निर्णय लिया गया।
मुस्लिम वूमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज (ट्रिपल तलाक) पर गुजारा भत्ता को लेकर तर्क वितर्क हुआ। कुछ युवा सांसदों ने गुजारा भत्ते की राशि पति की आय का 50 फीसद करने का संशोधन प्रस्ताव रखा, जो संसदीय कार्यवाही के दौरान खारिज कर दिया गया। बिल की ड्राफ्टिंग कर रही कमेटी ने तर्क दिया कि गुजारा भत्ते की कार्यवाही का अधिकार मजिस्ट्रेट के पास रहता है। ऐसे में इसे बिल में जोड़ने की कोई जरूरत नहीं होनी चाहिए। कई मामलों में पति के साथ उसका परिवार भी जुड़ा रहता है। ऐसे में 50 फीसद गुजारा भत्ता गलत है।
मी-टू के मुद्दे पर खुलकर बोले सांसद
'डेमोक्रेसी की पाठशाला' में 'सेक्सुअल हैरेसमेंट एक्ट एट वर्क प्लेस विथ रेफरेंस टू मी-टू' और राष्ट्रीय नागरिक पंजिका (एनआरसी) के मुद्दे पर युवा सांसद खुलकर बोले। बांग्लादेश के साथ रो¨हग्या समेत अन्य शरणार्थियों के देश में आ जाने के विवाद पर बातचीत करने को कहा गया।
दो मिनट में बताए विकास कार्य
मंत्रीमंडल में शामिल युवा सांसदों को दो मिनट में विकास कार्यो को बताने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। इसमें नेता प्रतिपक्ष सुष्मित वर्मा, वित्तमंत्री आशीष गुप्ता, ग्रामीण एवं शहरी विकास मंत्री मनीष पांडेय, संसदीय कार्यमंत्री जय प्रकाश, मानव संसाधन विकास मंत्री तुषारिका शर्मा, गृह एवं विदेश मंत्री प्रखर शुक्ला, सामाजिक न्यायमंत्री तमन्ना शरीक ने सदन को संबोधित किया। नेता विपक्ष आशुतोष दीक्षित, स्पीकर माज आलम, डिप्टी स्पीकर प्रिया शुक्ला ने भी विचार व्यक्त किए।
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