ट्रांसपोर्टरों को आरएफआइडी टैग लगाने के लिए सात दिन का समय, वरना होगी कार्रवाई Kanpur News
वर्ष भर में 15 फीसद वाहनों पर भी टैग नहीं लग सका है।
कानपुर, जेएनएन। संवेदनशील कारोबार से जुड़े उद्यमियों और परचून का माल दूसरे राज्यों से लाने वाले चिह्नित ट्रांसपोर्टरों ने सात दिन के अंदर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) टैग न लगवाया तो उनपर अर्थ दंड की कार्रवाई की जाएगी। एक वर्ष गुजरने के बाद भी शहर के 15 फीसद वाहनों पर भी यह टैग नहीं लगा है। सोमवार से टैग लगाने का शिविर ट्रांसपोर्ट नगर में लगाया जा रहा है।
सड़क मार्ग से दूसरे राज्य से आने वाले माल में हो रही कर अपवंचना को रोकने के लिए एक नवंबर 2018 को वाहनों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) टैग लगाना शुरू किया गया था। इस व्यवस्था को एक वर्ष पूरा हो गया है लेकिन अब तक छह हजार तीन सौ वाहनों पर ही यह टैग लग सके हैं। टैग लगवाने के लिए ट्रांसपोर्टर इसलिए सुस्त रहे क्योंकि अभी तक टैग न लगाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आए थे। अब साफ कह दिया गया है कि एक सप्ताह में जिनके ट्रकों में टैग लगे नहीं मिले तो उनके खिलाफ अर्थदंड लगेगा।
कानपुर में खासतौर पर पान मसाला, सुपारी, आयरन एंड स्टील, एडबिल ऑयल, रेडीमेड गारमेंट के कारोबारियों को संवेदनशील माना गया है। इनका माल ले जा रहे वाहन में टैग नहीं लगा मिला तो तुरंत कार्रवाई होगी। इसके साथ ही ट्रांसपोर्टरों को भी चिह्नित किया गया है। खासतौर पर दूसरे राज्यों से परचून का माल लाने वाले ट्रांसपोर्टर वाणिज्य कर विभाग की निगाह में हैं।
वाणिज्य कर विभाग ने इन टैग को कानपुर में लगाने की जिम्मेदारी जिस कंपनी को दी है, उस कंपनी के अधिकारियों का मानना है कि कानपुर में छोटे-बड़े करीब 50 हजार ट्रक हैं। इसके बाद भी अब तक एक वर्ष में मात्र छह हजार तीन सौ वाहनों पर ही यह टैग लग सके हैं। वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त आयुक्त सुशील कुमार सिंह का कहना है कि ट्रांसपोर्ट नगर में आरएफआइडी टैग लग रहे हैं। यह अभियान 15 दिन का होगा लेकिन सात दिन बाद अर्थदंड लगना शुरू हो जाएगा।