यहां पर Boat ले जाने के लिए रोकी गई ट्रेन, आप भी पढि़ए क्यों करना पड़ा ऐसा Kanpur News
डीआरएम के आदेश पर ओएचई की सप्लाई भी कराई गई बंद सड़क का ट्रैफिक रोकने से लगा लंबा जाम।
कानपुर, जेएनएन। बनारस से ट्रेलर से लाई जा रही दो मंजिला नाव बुधवार को सरैया क्रॉसिंग से पहले हाईटगेज की वजह से नहीं निकल सकी। क्रॉसिंग से ट्रेलर निकालने के लिए पूरे दिन मशक्कत चली। रेलवे को रास्ता दिए जाने की बात पर डीआरएम संजय त्रिपाठी से प्रशासनिक अधिकारियों ने फोन पर बात की।
सरैंया क्रासिंग से निकल रहा था ट्रेलर
देर शाम नई दिल्ली स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस निकलने के बाद कानपुर-लखनऊ रेल रूट ट्रेनों का संचालन रोकने के साथ ओएचई की सप्लाई को बंद किया गया, तब नाव को हाइटगेज के गार्डर हटाकर निकाला गया। नाव निकालने की यह कवायद पौन घंटे तक चली, इस दौरान सड़क का ट्रैफिक रोक दिया गया।
ट्रेलर पर लदी नाव की अधिक थी गार्डर से ऊंचाई
ट्रेलर से लाई गई नाव बुधवार को सुबह करीब 10 बजे सरैया क्रॉसिंग से पहले रुक गई। हाईटगेज और ओएचई के टच होने का खतरा होने से ट्रेलर चालक ने क्रॉसिंग पार करने से मना किया। हाईटगेज की ऊंचाई को नापने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी दी गई। बांस की मदद से जमीन की सतह से गार्डर तक की ऊंचाई का पता लगने के बाद रेलवे से अनुमति का मामला फंसा। जिस पर डीआरएम संजय त्रिपाठी को फोन कर पूरे मामले की जानकारी दी गई। जिस पर उन्होंने रुकावट को दूर करने पर सहमति जताई। टीआरडी अनुभाग से सीनियर सेक्शन इंजीनियर आरके मीणा और ट्रैफिक इंस्पेक्टर रेलवे अनुराग श्रीवास्तव क्रॉङ्क्षसग पर पहुंचे। दोनों की निगरानी में हाइड्रा की मदद से अप व डाउन दोनों हिस्से के हाईटगेज का ऊपरी गार्डर हटाया गया।
दस मिनट के लिए रोका गया ट्रेनों का संचालन
ओएचई हिस्से को लेकर अप में नई दिल्ली स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस पास होने के बाद टीआरडी अनुभाग के अभियंता ने विद्युत आपूर्ति बंद कराई। शाम करीब पांच बजे से 10 मिनट के लिए ट्रेनों का परिचालन रोका गया। इसमें नीलांचल एक्सप्रेस को मगरवारा स्टेशन पर रोका गया तो प्रतापगढ़ इंटरसिटी और उत्सर्ग एक्सप्रेस को गंगाघाट स्टेशन पर ही रोक दिया गया। इस बीच क्रॉसिंग से पहले वाहनों की लंबी लाइन लग गई। नाव की लंबाई करीब 50 फुट और चौड़ाई करीब 15 फुट बताई गई। ट्रेलर निकल जाने के बाद ट्रेनों को निकाल क्रॉसिंग से वाहन निकले गए। करीब पौन घंटा वाहन जाम में फंसे रहे। यह पूरी कवायद कानपुर में 14 दिसंबर को प्रस्तावित प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर की जा रही थी।