शहर में ही छिपा है तौफीक, सर्च अभियान शुरू
एयर फोर्स स्टेशन के पास ठिकाना बनाने वाले हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमरुज्जमां का साथी तौफीक शहर में ही ठिकाना बनाए है।
जागरण संवाददाता, कानपुर :
एयर फोर्स स्टेशन के पास ठिकाना बनाने वाले हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमरुज्जमां का साथी तौफीक शहर में ही ठिकाना बनाए है। इसके अहम सुराग एटीएस को मिले हैं। जम्मू पुलिस की मदद से एटीएस व सुरक्षा एजेंसी तौफीक व उसके साथियों की तलाश कर रही हैं। शुक्रवार को एटीएस की टीम विभिन्न इलाकों में छापेमारी करती रही। कई लोगों को हिरासत में लेकर अलग-अलग स्थानों पर पूछताछ की गई।
एटीएस की छानबीन में सामने आया है कि कानपुर से भाग निकले कमरुज्जमां के दो साथियों में एक तौफीक ने शहर नहीं छोड़ा है। सूत्रों के मुताबिक 30 अगस्त को तौफीक कानपुर से लखनऊ गया था और कमरुज्जमां को चारबाग रेलवे स्टेशन से अपने साथ लेकर कानपुर लाया था। तौफीक व उसके दूसरे साथी के पास एके-47 व सुसाइड जैकेट की व्यवस्था का जिम्मा था। कमरुज्जमां को शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाकों के गणेश पंडाल व अन्य महत्वपूर्ण स्थलों की जानकारी एकत्र कर फिदायीन हमले अंजाम देना था। इस गिरोह के अभी भी शहर में होने के साक्ष्य मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने फिर से नई रणनीति बनाकर संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी और आतंकी संगठन के सहयोगियों की धरपकड़ के लिए छापेमारी शुरू कर दी। जाजमऊ में एक मोबाइल दुकान के सीसीटीवी चेक कर रिचार्ज होने वाले नंबर व नए जारी सिम कार्ड की डिटेल ली गई है।
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कैसे तौफीक के संपर्क में आया कमरुज्जमां
एटीएस अधिकारियों के अनुसार कमरुज्जमां को तौफीक के बारे में जानकारी उसके हिजबुल मुजाहिदीन के साथी ओसामा बिन जावेद ने दी थी। उसने ही दोनों का संपर्क कराया था। कमरुज्जमां कश्मीर में एके-47 खरीदने का प्रयास कर रहा था। इसके लिए वह अपने गांव के निवासी दोस्त रियाज उर्फ रियाजुद्दीन के संपर्क में था। उसके पकड़े जाने के बाद असम पुलिस ने उसके भाई शफीकुल इस्लाम व चाचा जैनुल अहम सहित सात मददगारों को गिरफ्तार किया है। कमरुज्जमां जो फोन व सिम इस्तेमाल कर रहा था, वह शहनवाज के नाम है। उमर फारुक के खाते में कश्मीर से कमरुज्जमां के लिए रकम भेजी गई थी।
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जाजमऊ से दो सहयोगियों को उठाया!
वाजिदपुर तिराहे पर खड़े दो युवकों को पूछताछ के बाद सफेद गाड़ी में डालकर ले जाने की चर्चा रही। कहा जा रहा है कि युवक कमरुज्जमां के साथी थे, जिन्हें सुरक्षा एजेंसी की टीम साथ ले गई। स्थानीय निवासी जलालुद्दीन चिश्ती ने बताया कि जुमा की नमाज से पहले कुछ लोगों को देखा गया था जो दो युवकों से पूछताछ कर रहे थे। इसके बाद वे लोग गायब हो गए। हालांकि उठाए गए युवक यहां के नहीं है, वरना तुरंत पता चल जाता।
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आतंकी के 'मकान' में अभी भी दहशत का माहौल
आतंकी के साथ किराये पर रहने वाले उसके आस-पड़ोसी अभी भी दहशत के माहौल से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। हालांकि, वे रोजमर्रा के काम करने के साथ ही आसपास निकलकर लोगों से बातचीत करने लगे हैं। बुजुर्ग जीएस सिर्खल ने बताया कि अब जाकर थोड़ी सी राहत मिली है। फिर भी आतंकी के साथ रहने और पुलिस कार्रवाई की बात सोच कर रूह कांप जाती है। मकान मालिक उजियारी भी अब बाहर आने-जाने लगे है।
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धार्मिक स्थल व प्रमुख प्रतिष्ठानों पर खुफिया की नजर
कमरुज्जमां के साथियों की अभी तक गिरफ्तारी न होने से सुरक्षा एजेंसियां व पुलिस सतर्क है। सभी प्रमुख धार्मिक स्थल, आयोजन, सार्वजनिक स्थल व प्रमुख प्रतिष्ठानों पर विभिन्न सुरक्षा एजेंसी की इंटेलीजेंस यूनिट अपने तरीके से काम कर रही हैं। पुलिस टीम हर आने-जाने वालों पर नजर रख रही है।
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संदिग्ध जिसके घर मिला, उस पर भी होगी कार्रवाई
एसएसपी ने सभी थानेदारों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी बीट सिपाही अपने क्षेत्र में ऐसे लोगों को चिह्नित करें जो बाहर से आकर बसे हैं और उनके पहचान पत्र नहीं हैं। उनके मूल पते पर तस्दीक करें। यदि कुछ संदिग्ध मिले तो फौरन कार्रवाई करें। बिना सत्यापन के संदिग्ध को रखने वाले मकान, फैक्ट्री या दुकान मालिक भी कार्रवाई की जद में आएंगे।