छठ पूजा : डूबते सूर्य को अर्घ्य देने आज उमड़ेगा घाटों पर जनसैलाब
शहर के विभिन्न घाटों के किनारे तैयार की गई करीब 25 हजार वेदियां
जागरण संवाददाता, कानपुर : छठ महोत्सव के दूसरे दिन सोमवार को विधि विधान के साथ खरना संपन्न हुआ। 36 घंटे का निर्जल अखंड उपवास भी शुरू हो गया। अब मंगलवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही महोत्सव अपने चरमोत्कर्ष पर होगा। शहर भर में विभिन्न घाटों के किनारे करीब 25 हजार वेदियां तैयार की गई हैं। घाटों को रंग बिरंगी झालरों व रंगोली से सजाया जा रहा है।
छठ पूजा के दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल पंचमी को खरना का आयोजन हुआ। घरों में शाम को गुड़ या गन्ने के रस की खीर बनाई गई। पूजा पाठ के बाद पूरे परिवार ने इस खीर के साथ सादी रोटी का प्रयोग खाने के लिए किया। इसी के साथ खाने में नमक का प्रयोग प्रतिबंधित हो गया। इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद विशेषकर महिलाओं ने 36 घंटे के निर्जल व्रत की शुरुआत की। हालांकि बड़ी संख्या में पुरुष भी यह व्रत रखते हैं। व्रत बुधवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्त होगा।
अर्घ्य के लिए सजे घाट
कार्तिक शुक्ल षष्ठी को छठ मइया और भगवान सूर्य के पूजन के लिए घाट सजकर तैयार हो गए हैं। सर्वाधिक वेदियां अर्मापुर नहर पर बनाई गई हैं। यहां शास्त्री नगर, विजय नगर, पांडुनगर, काकादेव आदि मोहल्लों की महिलाएं पूजन अर्चन के लिए आएंगी। अर्मापुर घाट पर भगवान भास्कर की भव्य झांकी सजाई गई है। अर्मापुर, सीटीआई और पनकी नहर घाट भी दुल्हन की तरह सजाए गए हैं। अर्मापुर से पनकी तक नहर के किनारे करीब छह हजार वेदियां बनकर तैयार हो गई हैं। सुरक्षा के मद्देनजर नहरों के पास बेरीकेडिंग की गई है।
आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ
घाटों पर तमाम महिलाएं और पुरुष जल में खड़े होकर आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करेंगे। मान्यता है कि आदित्य हृदय स्तोत्र के पाठ से पद, प्रतिष्ठा और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है। आर्थिक समृद्धि, संपन्नता के साथ ही काया भी निरोगी होती है। कुछ भक्त तो रात भर जल में खड़े रहेंगे और फिर शुक्रवार सुबह सूर्य सप्तमी पर भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगे ।
डलिया, गन्ना और कलश की खूब हुई बिक्री
सोमवार को जाजमऊ, साकेत नगर, विजय नगर, बर्रा, कल्याणपुर आदि बाजारों में सुबह से ही गन्ना, कलश, चुनरी, दउरा, सूर्य की आकृति, सूप, नारियल और फल की खरीदने को लोग जुटे रहे।