खतरनाक है ये एप, मोबाइल फोन बंद है तो भी हैकर सुन सकता आपकी बातें Kanpur News
चार्टर्ड अकाउंटेंट की कांफ्रेंस में आए साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट सचिन डेधिआ ने जानकारी दी।
कानपुर, जेएनएन। अभी तक हैकर बैंक अकाउंट हैक करते थे लेकिन अब वह सीधे मोबाइल पर हमला कर रहे हैं। मोबाइल में एक ऐसा एप जो आपकी सभी गोपनीय सूचनाएं हैकर तक पहुंचा रहा है, इतना ही नहीं यदि मोबाइल फोन बंद है तो भी आप किससे और क्या बातें कर रहे हैं, सभी कुछ हैकर सुन रहा है। इसलिए मोबाइल फोन धारकों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इसलिए कुछ विशेष टिप्स इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया की नेशनल कांफ्रेंस में मुंबई से आए साइबर एक्सपर्ट सचिन डेधिआ ने दैनिक जागरण से बातचीत में दी।
उन्होंने कहा कि आजकल उपहार में इलेक्ट्रानिक उपकरण देने का चलन बढ़ गया है। खासतौर पर मोबाइल उपहार में दिए जाने लगे हैं। इसके प्रति सतर्क रहें। मोबाइल तो किसी से भी गिफ्ट में न लें। जरूरत पड़े तो नया मोबाइल खरीदें। कहा, मोबाइल में फोटो, मेल आइडी, बैंक की जानकारी सबकुछ होती है, इसलिए अपने फोन को सबसे ज्यादा सुरक्षित रखना चाहिए। अगर कोई आपको मोबाइल फोन गिफ्ट कर रहा है तो हो सकता है, वह स्पाई एप डालकर दे रहा हो। ऐसे में आपकी सारी जानकारी हैकर के पास जा सकती है।
खुद ही दूसरों के हवाले कर रहे बायोमैट्रिक रिकार्ड
सचिन बताते हैं कि मोबाइल पर यदि किसी बैंक का एप डाला है तो उस खाते में बहुत रुपये नहीं रखने चाहिए। उनके अनुसार ऐसे-ऐसे एप हैं कि आपका मोबाइल बंद भी हो तो आप क्या बात कर रहे हैं, यह हैकर आसानी से सुन सकता है। अपने देश में कुछ शहरों में लोगों के बारे में जानकारी लेने के लिए इस तरह के एप का उपयोग लोग कर भी रहे हैं। आज लोग सुविधा पहले चाहते हैं, अब तो बस अंगूठा लगाकर मोबाइल खोलने लगे हैं। ऐसा करने वाले यह नहीं समझते कि वे अपना बायोमैट्रिक रिकार्ड किसी और के हवाले कर रहे हैं। चीन ज्यादातर मोबाइल के उपकरण बना रहा है। अंगूठा आधार से भी जुड़ा है, वह कभी भी सारी जानकारी ले सकता है। इनसे बचने के लिए आने वाले साफ्टवेयर का इस्तेमाल करना चाहिए।
साइबर अटैक का खतरा
सचिन कहते हैं कि आने वाले समय में देश दूसरे को हराने के लिए युद्ध नहीं करेंगे। उस देश की बैंकों में रखी मुद्रा साइबर अटैक कर ट्रांसफर कर लेंगे। इससे देश अपने आप कमजोर हो जाएंगे। वर्तमान में इस तरह के साइबर अटैक तमाम विभागों की वेबसाइट पर शुरू भी हो चुके हैं। उनके मुताबिक जब तक भारत खुद अपना हार्डवेयर और साफ्टवेयर तैयार नहीं करेगा तब तक खतरा बना रहेगा।