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Tiddi Dal Attack: जानिए, क्यों बढ़ता जा रहा है टिड्डी दल का कुनबा, कब से कब तक रहते हैं सक्रिय

पॉकिस्तान से बेमौसम आ रहे टिड्डी दल राजस्थान और पंजाब क्षेत्र में इन्हें रोकना मुश्किल हो गया था और वे आगे बढ़ते हुए अपना कुनबा भी बढ़ाते गए हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 05:41 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 11:18 PM (IST)
Tiddi Dal Attack: जानिए, क्यों बढ़ता जा रहा है टिड्डी दल का कुनबा, कब से कब तक रहते हैं सक्रिय
Tiddi Dal Attack: जानिए, क्यों बढ़ता जा रहा है टिड्डी दल का कुनबा, कब से कब तक रहते हैं सक्रिय

कानपुर, जेएनएन। पाकिस्तान से बेमौसम आ रहे टिड्डी दल के लिए बेमौसम बारिश ने हालात मुफीद किए हैं। रेतीली मिट्टी और नम बालू में अंडे देने वाले टिड्डी दल यूं तो जून से नवंबर तक सक्रिय होते थे लेकिन इस बार बेमौसम बारिश से पनपे मुफीद हालात में उन्होंने फरवरी, मार्च और अप्रैल में भी कुनबा बढ़ाया है। इसीलिए राजस्थान, पंजाब क्षेत्र में इन्हें रोकना मुश्किल हो गया और वह आगे बढ़ गए।

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जमीन से दो-तीन इंच ऊपर अंडे देती है टिड्डी

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के कीट विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डीआर सिंह ने बताया कि टिंड्डी जमीन से दो से तीन इंच नीचे अंडे देती है। इसके लिए रेतीली मिट्टी, रेत और नदी किनारे का क्षेत्र मुफीद है। यूं तो वह बारिश में रेगिस्तान में अंडे देती है लेकिन इस बार फरवरी से अप्रैल तक अनियमित बारिश हुई। टिडिडियों को मुफीद हालात मिले और उन्होंने अपना कुनबा बढ़ा लिया है। अंडे देने के इन्हीं मुफीद हालातों के कारण गंगा कटरी का इलाका काफी संवेदनशील हो गया है।

तेज आवाज से भागता है टिड्‌डी दल

टिड्डी दल तेज आवाज से भागता है। इसे देखते हुए प्रशासन ने डीजे, फायर टेंडर और केमिकल भरे डूमों की व्यवस्था कराने के लिए कहा है। अगर टिड्डी दल कानपुर की ओर रुख करते हुए रेतीली मिट्टी और बालू पर केमिकल के छिड़काव के साथ फायर टेंडर से भी बौछार की जाएगी। इसके लिए डीजे की भी व्यवस्था की जा रही है। वहीं किसानों से थाली, ताली ड्रम, कनस्तर बजाने और तेज आवाज करने के लिए कहा गया है। इससे डिड्ठी दल फसलों पर बैठने के बजाय उड़ जाएंगे।

थाली व ताली बजाना शुरू कर दें

कृषि विभाग के कर्मचारियों, ग्राम प्रधानों, लेखपाल, ग्राम पंचायत अधिकारी और कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों को जागरूक रहने को कहा गया है। किसानों को बता रहे हैं कि टिड्डी दल देखते ही घुआं करने के साथ ही टीन के डिब्बे, थाली बजाना शुरू कर दें।

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