Tiddi Dal Attack : अभी टला नहीं है खतरा, अफ्रीका से टिड्डियों की भारी फौज के आने का अलर्ट
एक दल की लंबाई है करीब 10 किलोमीटर गुजरात के कच्छ आफ रन से कर सकतीं प्रवेश।
कानपुर, जेएनएन। कानपुर और आसपास के जनपदों में अब तक आ चुकी टिड्डियां महज नजारा ही थीं, असली खतरा तो पूर्वी अफ्रीका देशों के रेगिस्तानी क्षेत्रों में मौजूद हैं। यहां एक दल की लंबाई 10 किलोमीटर के आसपास आंकी जा रही है, जबकि पूर्व में तीन से चार किमी लंबे दल राजस्थान, मध्य प्रदेश, यूपी, हरियाणा के कई जिलों में हमला कर चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र संगठन के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन ने दो दिन पहले ही अलर्ट जारी किया है। इसमें टिड्डियां पूर्वी अफ्रीकी देश (इथोपिया, केन्या, सोमालिया, साउथ सूडान, यूगांडा, तंजानिया) से सीधे यमन और ओमान के रास्ते गुजरात के कच्छ ऑफ रन से देश में प्रवेश कर सकती हैं। अब तक वहां के रेगिस्तानी क्षेत्रों से टिड्डियां इराक, ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान से होते हुए राजस्थान में प्रवेश कर रहीं थी।
इराक, ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्रों में भी रेगिस्तानी टिड्डियां प्रजनन करती हैं। इन देशों से आते समय उन पर जगह जगह केमिकल का छिड़काव होता था, जिससे उनकी सेना तितर बितर होकर कम रह जाती थीं। जिला कृषि रक्षा अधिकारी आशीष कुमार सिंह ने बताया कि अलर्ट की जानकारी कृषि कॢमयों को दे दी गई है। किसानों को भी खेतों के एक किनारे पर आग जलाने और धुआं की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। केंद्रीय टीमें भी अपना काम कर रही हैं।
चार करोड़ टिड्डियां खा सकतीं 35 हजार लोगों का खाना
विशेषज्ञों के मुताबिक एक वर्ग किलोमीटर के दल में करीब चार करोड़ टिड्डियां होती हैं। इतनी अधिक संख्या में टिड्डियां करीब 35 हजार लोगों का भोजन चट कर सकती हैं। दो ग्राम का टिड्डा हर दिन अपने वजन के बराबर फसलें और हरे भरे पौधे खा सकता है।
अफगानिस्तान, पाकिस्तान, राजस्थान में बढ़ा रहे परिवार
अफगानिस्तान, पाकिस्तान, राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्रों में टिड्डियों के दल लगातार अपने परिवार बढ़ा रहे हैं। इनमें मानसून से पहले और मानसून के बाद की टिड्डियां शामिल हैं। इन क्षेत्रों में जनवरी और फरवरी तक ठीक ठाक वर्षा हुई, जिसकी वजह से बिना मौसम जनसंख्या बढ़ाते चले गए।
प्रदेश को मिल सकते कैंफर और माइक्रोनियर स्प्रेयर
कृषि अधिकारियों के अनुसार केंद्रीय स्तर पर टिड्डियों से निपटने की तैयारियां तेज हैं। दलों के ऊपर हवाई जहाज, ड्रोन से छिड़काव किया जा रहा है। कई मोबाइल टीमें बनाई गई हैं, जिनमें बोलेरो कैंफर और माइक्रोनियर स्प्रेयर गन शामिल हैं। बोलेरो कैंफर और माइक्रोनियर स्प्रेयर गन से मैलाथियान व अन्य केमिकलों का छिड़काव हवा में काफी दूर तक किया जा सकता है।