Tiddi Dal Attack: अब अफ्रीकी टिड्डियों की फौज बढ़ रहीं भारत की ओर, ओमान के रास्ते गुजरात से कर सकतीं प्रवेश
यूएनओ के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन ने दो दिन पहले अलर्ट जारी कर दिया है एक वर्ग किमी में करीब चार करोड़ टिड्डियां रहती हैं।
कानपुर, जेएनएन। जिले और आसपास अब अफ्रीकी टिड्डियों के हमले का खतरा मंडराने लगा है। संयुक्त राष्ट्र संगठन के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन ने दो दिन पहले ऐसा ही अंदेशा जताते हुए अलर्ट किया है। कहा है, 4500 किलोमीटर दूर पूर्वी अफ्रीकी देशों के रेगिस्तानी क्षेत्रों में मौजूद ये टिड्डियां यमन और ओमान के रास्ते गुजरात के कच्छ से भारत में प्रवेश कर सकती हैं। वहां से कई राज्यों और शहरों तक जा सकती हैैं। इनके एक दल का आकार 10 वर्ग किलोमीटर तक हो सकता है।
पूर्व में तीन-चार वर्ग किलोमीटर दायरे में फैले टिड्डी दल आए थे। जिला कृषि रक्षा अधिकारी आशीष कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि टीमों को अलर्ट करते हुए किसानों को खेतों के एक किनारे पर आग जलाने और धुएं की व्यवस्था करने को कहा गया है।
एक वर्ग किमी में चार करोड़ टिड्डियां
विशेेषज्ञ बताते हैं कि करीब दो ग्राम का टिड्डा रोज वजन बराबर फसल या पौधे खा सकता है। एक वर्ग किलोमीटर में करीब चार करोड़ टिड्डियां रहती हैैं। ये सब खाने पर उतर आएं तो इतनी फसल चट कर सकती हैैं, जितने से 35 हजार लोगों का अन्न पैदा हो सकता है।
कैंफर और माइक्रोनियर स्प्रेयर मिलने की उम्मीद
कृषि अधिकारी बताते हैैं कि केंद्रीय टीमें लगातार टिड्डी दलों पर हवाई जहाज और ड्रोन से केमिकल छिड़क रही हैैं। कई मोबाइल टीमें भी बोलेरो कैंफर और माइक्रोनियर स्प्रेयर गन से लैस हैैं। इनसे बोलेरो कैंफर और स्प्रेयर गन से केमिकल का छिड़काव काफी दूर तक किया जा सकता है। ये जल्द ही प्रदेश को मिल सकती हैैं।