Move to Jagran APP

जालौन में न्यायालय के तीन कर्मचारी निलंबित, फाइलें छिपाकर अभियुक्तों की मदद करने का आरोप

जिला जज ने बताया कि मामले को लेकर जांच का आदेश दिया था। जांच रिपोर्ट आने के बाद लिपिक भूपेंद्र ङ्क्षसह संतोष रावत व शशिकांत को निलंबित कर दिया गया है। दो कर्मचारियों नियाजउद्दीन और राजीव खरे के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 10:34 AM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 01:26 PM (IST)
जालौन में न्यायालय के तीन कर्मचारी निलंबित, फाइलें छिपाकर अभियुक्तों की मदद करने का आरोप
निलंबित किए गए कर्मचारियों के विरुद्ध जाचं के आदेश दिए गए हैं।

उरई, जेएनएन। मुकदमों का ट्रायल विलंबित करने की मंशा से चार्जशीट (आरोप पत्रों) की फाइलें छिपाने के आरोप में जनपद न्यायाधीश ने सीजेएम कोर्ट के कार्यालय में तैनात तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। वहीं, दो अन्य कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैैं। आशंका है कि आरोपित कर्मचारी फाइलें छिपाकर अभियुक्तों की मदद करते थे।

loksabha election banner

जनपद न्यायाधीश अशोक कुमार सिंह ने बीते 11 अप्रैल को विभिन्न न्यायालयों का निरीक्षण कर मुकदमों से संबंधित फाइलों का अवलोकन किया थी। इसी दौरान उनकी नजर सीजेएम कोर्ट के कार्यालय में एक कपड़े में लिपटी फाइलों पर गई। उन्हें खुलवाकर देखा गया तो वे सभी फाइलें चार्जशीट की थीं। संदेह है कि कर्मचारियों ने फाइलें छिपा कर रखी थीं। इन चार्जशीटों की संख्या 533 है। फाइलों के दबने का लाभ सीधे तौर पर अभियुक्तों को पहुंचता है। जिला जज ने बताया कि मामले को लेकर जांच का आदेश दिया था। जांच रिपोर्ट आने के बाद लिपिक भूपेंद्र ङ्क्षसह, संतोष रावत व शशिकांत को निलंबित कर दिया गया है। दो कर्मचारियों नियाजउद्दीन और राजीव खरे के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.