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कटरी प्रकरण: भूमाफिया रामदास के दूसरे बेटे समेत तीन अन्य लोग भी आए पुलिस की रडार पर

तीन नए मुकदमे दर्ज होने के बाद सामने आए नामों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी मुकदमों में रामदास के दूसरे बेटे अनिल और राजू पाल के रियल स्टेट कंपनी के मैनेजर विकास का नाम सामने आया आरोपियों के खिलाफ बैंक खाता फ्रीज करने की कार्रवाई हो चुकी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 09:01 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 09:01 PM (IST)
कटरी प्रकरण: भूमाफिया रामदास के दूसरे बेटे समेत तीन अन्य लोग भी आए पुलिस की रडार पर
जांच करते हुए पुलिस कर्मियों की प्रतीकात्मक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। पुलिस ने कटरी की भूमि पर कब्जा कर बेचने वालों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मंगलवार को प्लॉट खरीदने वाले तीन व्यक्तियों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने के बाद रामदास के दूसरे बेटे अनिल और दो अन्य सहयोगियों विशेष, विकास की तलाश भी शुरू हो गई है। उन सभी के बैंक खातों को भी फ्रीज कराने की तैयारी है।

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अब तक कुल छह नाम प्रकाश में आ चुके

मंगलवार को गोङ्क्षवद नगर थाना क्षेत्र के गुजैनी निवासी फौजी आकाश शर्मा के भाई अमन शर्मा बिधनू थाना क्षेत्र के ग्राम खरगपुर निवासी उमेश यादव और मेडिकल कॉलेज के आईडीएस केंपस निवासी आशा देवी ने भी रामदास और उनके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इन मुकदमों में रामदास के दूसरे बेटे अनिल और राजू पाल के रियल स्टेट कंपनी के मैनेजर विकास का नाम सामने आया है। इस तरह से अब तक कुल छह नाम प्रकाश में आ चुके हैं। एसपी पश्चिम डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि पुलिस पूर्व में प्रकाश में आए आरोपियों के खिलाफ बैंक खाता फ्रीज करने की कार्रवाई कर चुकी है, जिसके तहत करीब ढाई करोड़ रुपए फ्रीज हुआ है। प्रकाश में आई दोनों रियल एस्टेट कंपनियों का ब्योरा जुटाने की कोशिश  पुलिस कर रही है।

रामदास का गंगा की लहरों पर है आतंक

कटरी का रामदास केवल सरकारी जमीनों पर ही कब्जा नहीं करता था, बल्कि गंगा की लहरों पर भी उसका आतंक राज है। गंगा में अवैध रूप मछलियों के शिकार का वह सबसे बड़ा खिलाड़ी है। खास बात यह है कि जहां एक ओर इसके आर्थिक सम्राज्य को तहस नहस किए जाने का दावा किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इतना सब होने के बाद पुलिस, प्रशासन और ङ्क्षसचाई विभाग सब जानकर भी अनजान बने हुए हैं।

गंगा में मछलियों के शिकार पर रोक है। बावजूद इसके सुबह से शाम और शाम तक और पूरी रात गंगा बैराज के एक किमी क्षेत्र में बेधड़क मछलियों का शिकार होता है। गंगा की जलधारा में दिनदहाड़े मछलियों का शिकार होता है, लेकिन न कोई रोकने वाला है और न कोई टोकने वाला। यह तब है जब ङ्क्षसचाई विभाग का भी गंगा बैराज पर एक कार्यालय है।

इनका ये है कहना

इसकी जानकारी मुझे नहीं है। कई बार पुलिस ने मछलियों का शिकार करते लोग पकड़े हैं। अगर ऐसा है तो इस मामले में भी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. प्रीतिंदर सिंह, डीआइजी


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