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तीन उच्चस्तरीय कमेटियों की जांच रिपोर्ट ही खोलेगी ओएफसी हादसे का सच

डीजीक्यूए गृह मंत्रालय और ओएफबी की टीमों ने की जांच।

By AbhishekEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 04:09 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 04:09 PM (IST)
तीन उच्चस्तरीय कमेटियों की जांच रिपोर्ट ही खोलेगी ओएफसी हादसे का सच
तीन उच्चस्तरीय कमेटियों की जांच रिपोर्ट ही खोलेगी ओएफसी हादसे का सच

कानपुर, जेएनएन : आयुध निर्माणी कानपुर (ओएफसी) में हुए हादसे की सचाई अब तीन अलग अलग उच्चस्तरीय कमेटियों की रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आ सकेगी। आयुध निर्माणी के कर्मचारियों को भी अब बेसब्री से जांच रिपोर्ट का इंतजार है। फिलहाल घटनास्थल पर साफ सफाई के बाद चहल कदमी भी शुरू हो गई है।

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ये हुई थी घटना

अर्मापुर स्टेट स्थित ओएफसी की गन शॉप-1 में बीते मंगलवार को लाइट फील्ड गन (एलएफजी) की बैरल टेस्टिंग के दौरान कैरिज के ऑयल और नाइट्रोजन सिलिंडर फट गए थे। हादसे में जबलपुर निवासी सहायक अभियंता एमएस राजपूत और बिहार निवासी परीक्षक एमपी महतो की मौत हो गई थी। जबकि सात अन्य घायल हैं, जिनका उपचार अस्पताल में जारी है। इसमें असिस्टेंट इंजीनियर प्रताप सिंह और पंकज श्रीवास्तव की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना के बाद से कर्मचारियों में रोष का माहौल बना था।

तीन टीमों ने की अलग अलग जांच

ओएफसी में हादसे पर गृह मंत्रालय तक सक्रिय हो गया था और दूसरे दिन ही बुधवार को गुणता आश्वासन नियंत्रणालय (आयुध), जबलपुर में तैनात नियंत्रक ब्रिगेडियर रवि भारद्वाज ओएफसी पहुंचे थे। उन्होंने डीजीक्यूए के अधिकारियों-कर्मचारियों से घटना की जानकारी ली थी। घटनास्थल पर उपकरणों को भी देखा-परखा था। वहीं हादसे के तुरंत बाद ही ओएफसी में ब्रिगेडियर भारद्वाज ने पूरी घटना की जांच की थी। इसके अलावा आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) ने भी चार सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की थी। इसमें डीजीक्यूए के दो और आयुध निर्माणी बोर्ड के दो अधिकारी शामिल किए गए थे। गुणता आश्वासन नियंत्रणालय आयुध (डीजीक्यूए), गृह मंत्रालय और आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) की अलग अलग टीमों ने गन शॉप-1 में बारी-बारी से जांच की थी।

अब जांच रिपोर्ट का इंतजार

निर्माणी सूत्रों के अनुसार शनिवार को ही गन शॉप-1 के आसपास कर्मचारियों को नहीं जाने दिया गया और दोपहर में सफाई करा दी गई। कर्मचारियों ने इसे लेकर सवाल उठाया था कि सुबूत हटाने की इतनी जल्दबाजी क्या थी। यदि अभी कुछ अन्य बिंदुओं पर जांच करनी पड़ी तो क्या सिर्फ वीडियो और फोटो का ही सहारा लिया जाएगा। कर्मचारियों को अब तीनों कमेटियों की जांच रिपोर्ट से ही हादसे की सचाई सामने आने की उम्मीद बंधी है।

तीन माह से बंद था बैरल प्रूफ

अपनी गुणवत्ता और तकनीकी क्षमता का दुनिया में लोहा मनवा चुकी आयुध निर्माणी में लाइट फील्डगन 20 वर्ष से बन रही है लेकिन हादसा पहली बार हुआ। प्रबंधन कारणों की जांच करा रहा है। नाम न छापने की शर्त पर कर्मचारियों ने बताया कि बैरल प्रूफ के लिए कैरिज में लगे सिलिंडर का रीकॉइल लीक था। उसकी मरम्मत के दौरान करीब तीन माह तक बैरल प्रूफ का काम बंद रहा था।


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