किशोरी का अपहरण करने में तीन दोषी, मुख्य आरोपित को 12 साल की कैद
जालौन जनपद में किशोरी का अपहरण कर उसे हवस का शिकार बनाने में अदालत ने तीन लोगों को दोषी माना है। पॉक्सो कोर्ट ने घटना के मुख्य आरोपित को 12 साल की सजा सुनाई जबकि उसके सहयोगियों को सात-सात कैद की सजा सुनाई गई।
कानपुर, जेएनएन। जालौन जनपद के गोहन थाना क्षेत्र के एक गांव से 15 वर्षीय किशोरी का अपहरण कर तीन दिन तक बंधक बनाकर दुष्कर्म करने के मामले में सोमवार को पॉक्सो कोर्ट में फैसला सुनाया गया। साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश ने आरोपितों को दोषी करार दिया है। मुख्य आरोपित को 12 साल की कैद व 31 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है, जबकि उसके दो साथियों को सात सात साल की सजा दी गई है। फैसले के बाद दोषियों को सजा काटने के लिए जेल भेज दिया गया है।
घटना 4 अक्टूबर 2017 की है। 15 वर्षीय किशोरी को संदीप पुत्र बलराम, सुदामा पुत्र रमाकांत एवं सुरेंद्र पुत्र हरगोङ्क्षवद निवासी ग्राम कुरेपुरा अगवा कर ले गई थे। तीन दिन तक आरोपियों ने उसे अहमदाबाद में रखा। वहां पर संदीप ने उसके साथ दुष्कर्म किया। किशोरी के पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपितों के विरुद्ध अपहरण व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया। बाद में पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर किशोरी को उनके कब्जे से मुक्त करा लिया। पीड़िता के बयान के आधार पर मुकदमे में दुष्कर्म की धारा बढ़ाकर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया। तीन ,साल तक ट्रायल चलने के बाद सोमवार को पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश विजय बहादुर सिंह ने फैसला सुना दिया।
मुकदमे की पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता बृजराज सिंह राजपूत ने बताया कि न्यायाधीश ने संदीप को अपहरण व दुष्कर्म के अपराध में दोषी करार दिया है। उसे 12 साल की कैद व 31 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जबकि दो साथियों सुदामा व सुरेंद्र को अपहरण व पॉक्सो एक्ट में दोषी करार देते हुए सात-सात साल की कैद व 11-11 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। मिशन नारी शक्ति के तहत मुकदमे की पैरवी की गई।