तालाब में नहाने गए पांच बच्चों में तीन की डूबकर मौत, तीनों थे घर के इकलौते
बचाए गए दो बच्चों की हालत गंभीर रावतपुर में रामलला मंदिर के पास स्थित कुमरगढ़ा तालाब में हुआ हादसा।
कानपुर, जेएनएन। रावतपुर चौकी क्षेत्र के रामलला मंदिर के पास स्थित कुमरगढ़ा तालाब में बुधवार शाम नहाने गए पांच किशोर गहरे पानी में डूब गए। चीखपुकार सुनकर दौड़े स्थानीय लोगों ने पांचों को बाहर निकाला और हैलट अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान तीन को मृत घोषित कर दिया गया। तीनों अपने परिवारों के इकलौते बेटे थे। वहीं, बाकी दो की हालत नाजुक बनी हुई है।
पैर फिसल जाने से सभी चले गए थे गहराई में
रावतपुर निवासी ठेला दुकानदार राजेश सोनवानी का 15 वर्षीय बेटा वीरेंद्र ऊर्फ वीरू, सब्जी विक्रेता छोटेलाल का 14 वर्षीय बेटा शिवांशु, निजी फर्म कर्मी वीरेंद्र कुशवाहा का 15 वर्षीय बेटा विशाल व पड़ोस में रहने वाले दो अन्य साथी कुक्कू व टिल्लू बुधवार शाम तालाब में नहाने गए थे। इसी दौरान पैर फिसल जाने से पांचों गहराई में चले गए और डूबने लगे। उन्होंने शोर मचाया तो स्थानीय लोग पहुंचे और पांचों को बाहर निकाला। कल्याणपुर थाना प्रभारी अजय सेठ ने बताया कि बच्चों को तुरंत ही स्थानीय लोगों ने तालाब से निकाल लिया था, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर तीन की मौत हो गई। जिला प्रशासन की ओर से पीडि़त परिवारों को तत्काल 35 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। शासन की ओर से भी मदद दिलाने की कोशिश की जा रही है।
निर्माण के लिए खोदे गए हैं गहरे गड्ढे
रामलला मंदिर के पीछे स्थित ऐतिहासिक कुमरगढ़ा तालाब में पिछले दो साल से केडीए की ओर से निर्माण कराया जा रहा है। केडीए इस तालाब को रामसरोवर पार्क के रूप में विकसित करने की कोशिश कर रहा है। इसी वजह से तालाब में जगह-जगह पर 20-20 फीट गहरे गड्ढे खोदकर निर्माण कराया जा रहा है। बारिश के चलते इन दिनों तालाब में लबालब पानी भरा है। बुधवार शाम बारिश होने के बाद किशोर मौजमस्ती करते हुए तालाब पहुंचे और उसमें उतरकर नहाने लगे। किशोरों को शायद इसकी गहराई का अंदाजा नहीं था। इसी वजह से यह दर्दनाक हादसा हुआ।
स्वजनों ने शव रखकर किया हंगामा
हादसे के बाद आक्रोशित स्वजनों ने केडीए पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शव को सड़क पर रखकर हंगामा कर दिया। सूचना पर पहुंचे केडीए अधिकारियों के साथ पुलिस व क्षेत्रीय पार्षद जितेंद्र गांधी ने घटना की जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया, तब स्वजन शांत हुए।
जन्मदिन की खुशियां मातम में बदलीं
छोटेलाल के इकलौते बेटे शिवांशु का मंगलवार को जन्मदिन था। पूरे परिवार ने रिश्तेदारों के साथ धूमधाम से मनाया था। रिश्तेदार अभी अपने घरों को लौटे भी नहीं थे कि इस हादसे ने सभी को स्तब्ध कर दिया और खुशियां मातम में बदल गईं।