तीन नटवरलाल हत्थे चढ़े, इस तरह लगाते थे फाइनेंस कंपनियों को चूना
पुलिस ने पांच एक्टिवा स्कूटी और फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
कानपुर, जेएनएन। शहर की पुलिस ने तीन ऐसे नटवरलाल को पकडऩे में कामयाबी हासिल की है, जो बड़े ही शातिर ढंग से फाइनेंस कंपनियों को चूना लगा रहे थे। उनके पास से पुलिस ने पांच वाहन, फर्जी दस्तावेज आदि बरामद किए हैं और अब उनके गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचने के लिए पूछताछ शुरू की है।
यूं करते थे फर्जीवाड़ा
बदशाहीनाका पुलिस द्वारा पकड़े तीन युवकों का फर्जीवाड़ा करने का तरीका नटवरलाल से कम नहीं है। तीनों पहले किसी दो पहिया वाहन के शो रूम पर जाते थे और फिर वाहन खरीदने की बात कहकर फाइनेंस कंपनी के एजेंट को शिकार बनाते थे। एजेंट के माध्यम से फर्जी दस्तावेजों पर फाइनेंस कपंनी से लोन कराने के बाद वाहन की खरीद कर लेते थे। इसके बाद वाहन की बिक्री करके रफूचक्कर हो जाते थे।
इस तरह खुली पोल
पिछले दिनों माल रोड स्थित निजी कंपनी के एक प्रतिनिधि ने पुलिस से लोन लेने वाले व्यक्ति अशोक कुमार की शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि अशोक नाम के व्यक्ति ने पैन कार्ड व आधार की फोटोकॉपी के आधार पर लोन कराकर दो एक्टिवा स्कूटी ली हैं। उसने लोन कराते समय मूल प्रमाणपत्र नहीं दिखाए। फार्म में जो मोबाइल नंबर दिया था वह भी अब स्विच ऑफ आ रहा है।
दोस्त की निशानदेही पर सामने आया खेल
शिकायत के बाद पुलिस ने छानबीन में जवाहरनगर निवासी विशाल खरे को हिरासत में लिया, जो अशोक का दोस्त निकला। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने अशोक व दो पहिया वाहन खरीदने वाले जीतू गिलानी निवासी रतनलाल नगर को भी हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। जांच में सामने आया की अशोक का असली नाम अंशुल प्रताप सिंह है और वह गोविंद नगर का रहने वाला है।
अंशुल ने अशोक नाम से फर्जी आईडी बनाकर लोन पर दोपहिया वाहन लिया था। उनके कब्जे से पुलिस ने पांच पांच एक्टिवा स्कूटी, फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड आदि बरामद किए हैं। सीओ कलक्टरगंज श्वेता यादव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों को जेल भेजा गया है, उनसे वाहन खरीदने और फर्जी आईडी बनाने वाले साथियों की तलाश की जा रही है।
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