पानी और पानीपूरी ने कर दिया कमाल, युवा प्रधान की सोच ने इस तरह बदली गांव की तस्वीर Kanpur News
उत्तर प्रदेश के जालौन का इटौरा अकबरपुर गांव अब ग्राम स्वावलंबन का प्रेरक उदाहरण बन गया है।
कानपुर, [बृजेश दुबे]। सुविधा और सोच, समरसता और समन्वय कैसे किसी गांव की दशा और दिशा बदल सकते हैं, जालौन, उत्तर प्रदेश की कालपी तहसील का इटौरा अकबरपुर गांव इसकी मिसाल पेश कर रहा है। पंचायती राज और ग्राम स्वावलंबन के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की समृद्धि इस गांव को देश दुनिया में प्रसिद्ध कर रही है।
यह विरासत में नहीं मिला है। रोजगार के लिए गांव छोडऩे के बाद भी अपनी जड़ से जुड़े रहने की मंशा और एक युवा प्रधान की सोच ने पूरे गांव का नक्शा बदल दिया। गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश में चार सौ से अधिक परिवारों के लोग पानीपूरी का बिजनेस कर गांव के युवाओं को रोजगार दे रहे हैं। 85 फीसद से अधिक घरों में पाइप लाइन के जरिये जलापूर्ति है। 7000 लीटर क्षमता के तीन सोलर वाटर टैंक भी साफ पानी दे रहे हैं। गांव के एक दर्जन प्राइमरी स्कूल, दो इंटर कॉलेज और एक डिग्री कॉलेज आसपास के डेढ़ दर्जन गांवों को शिक्षा मुहैया करा रहे हैं।
हर साल एक लाख रुपये से अधिक आय
सुशासन के चलते पंचायत आन सोर्स रेवेन्यू (ओएसआर) के तहत हर साल एक लाख रुपये से अधिक आय अर्जित कर रहा है। सरीला-जाल्हूपुर हाईवे पर स्थित इस गांव की कारोबारी महत्ता वाली ग्राम समाज की बड़ी जमीन से अवैध कब्जे हटवाकर पार्क, श्मशान भूमि, यात्री प्रतीक्षालय बनाए गए। नौ दुकानें बनवाकर बेरोजगारों को मामूली किराए पर दीं। यात्री प्रतीक्षालय बनने से वाहन रुक रहे। इससे करीब सौ ठेल के जरिये ग्र्रामीणों को रोजगार मिला।
तालाब में नौका विहार
24 घंटे सफाई के लिए तैयार रहने वाले इस गांव में मर रहे तालाब को जीवित कर नौका विहार का केंद्र बनाया ही, कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले मेले को वृहद और व्यस्थित कर उससे पंचायत की आय बढ़ाई। गांव का हर खर्च ऑनलाइन है। सभी काम ग्राम सभा के अनुमोदन के बाद ही होते हैं।
प्रधानमंत्री कर चुके सम्मानित
सेवा के बदले यूजर चार्ज के सिद्धांत पर ग्रामीण बुनियादी सुविधाएं पा रहे हैं। पंचायत सशक्तीकरण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां के ग्राम प्रधान अमित द्विवेदी 'इतिहास' को दीनदयाल उïपाध्याय पंचायती राज पुरस्कार से सम्मानित कर ग्राम विकास के लिए 12 लाख रुपये भी दिए हैं। ग्राम प्रधान को समरसता, पंचायत विकास के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।
पानी से शुरू हुई पानीदार होने की विकास गाथा
इस गांव को 27 साल पहले कृषि मंत्री चौधरी शंकर सिंह ने पाइप लाइन जलापूर्ति का तोहफा दिया था। दो साल पहले ग्राम प्रधान ने तीन सोलर वाटर टैंक लगवाए। स्वच्छ पेयजल मुहैया होने से यहां डायरिया, कॉलरा से कभी कोई मौत हुई हो, किसी को याद नहीं। गांव में फ्लोराइड, क्लोराइड जनित बीमारी के एक भी मरीज नहीं है।
इस तरह विकास की राह पर दौड़ा गांव
- 1600 परिवारों में 1300 के पास पक्के मकान हैं।
- 400 परिवारों के पक्के मकान पानीपूरी के बिजनेस से हैं।
- 50 सभी पात्र लाभार्थी उज्जवला रसोई गैस, शौचालय समेत पीएम आवास आदि सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं।
- गांव में 50 ट्रैक्टर और बीस निजी नलकूप भी सेवा दे रहे हैं।
- पंचायत ऑनलाइन हैं और गांव में बैंक शाखा व एटीएम भी है।
ये हैं यूजर चार्ज
15-15 रुपये सालाना पर सोलर स्ट्रीट लाइट, हैंडपंप से पेयजल, ऑनलाइन परिवार रजिस्टर की कॉपी, 50 रुपये में दुकानों का पंजीयन, 500 रुपये में भवन निर्माण एवं खरीद की एनओसी समेत कई सुविधाएं।
समरसता भवन बढ़ा रहा सौहार्द
ग्राम प्रधान अमित द्विवेदी ने ग्राम समाज की भूमि से अवैध कब्जा हटाकर समरसता भवन एवं पार्क बनवाया। हर माह सभी वर्ग के लोग घर से खाद्य सामग्री लाकर यहां भोजन पकाते हैं। जाति-धर्म का भेद छोड़कर एक साथ बैठकर खाते हैं।
टपकते छप्पर, चूल्हे के धुएं से छुटकारा
रेयाज की पत्नी गौसिया कहती हैं, पीएम आवास योजना में छत, रसोई गैस, शौचालय मिला तो टपकती छत और चूल्हे के धुएं से निजात मिली। अकबरपुर इटौरा ग्राम प्रधान अमित द्विवेदी 'इतिहास' कहते हैं कि अवैध कब्जे हटाकर हमने राजस्व सृजित किया। बुनियादी योजनाओं का शतप्रतिशत अमल सुनिश्चित किया। ऑन सोर्स रेवेन्यू (ओएसआर) योजना भी ग्राम पंचायतों की ताकत बढ़ाती है। सभी को इसे अपनाना चाहिए।
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