कानपुर: कोविड में माता-पिता को खोने वालों को नहीं लगेगी पंजीयन फीस, कंपनी सचिव संस्थान की बैठक में हुआ फैसला
कोरोना की दूसरी लहर में शायद ही कोई ऐसा होगा जिसके किसी परिचित स्वजन या रिश्तेदार का निधन ना हुआ हो। इसके बीच बहुत से ऐसे बच्चे भी हैं जिन्होंने कोरोना की वजह से अपने अभिभावकों को खो दिया है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना की भयावहता के दौरान अपने बहुत से लोगों ने अपने माता-पिता को खोया है। ऐसे बच्चों की मदद करने के लिए भारतीय कंपनी सचिव संस्थान अगले एक वर्ष तक उनके लिए संस्थान में पहली बार एग्जीक्यूटिव फर्स्ट लेवल में प्रवेश लेने के समय दिए जाने वाले पंजीयन शुल्क को माफ कर दिया है। 31 मार्च 2022 तक जो भी छात्र-छात्राएं इस एग्जीक्यूटिव फर्स्ट लेवल में प्रवेश लेंगे उन्हें पंजीयन शुल्क के 9,500 रुपये नहीं देने होंगे।
कोरोना की दूसरी लहर में शायद ही कोई ऐसा होगा जिसके किसी परिचित, स्वजन या रिश्तेदार का निधन ना हुआ हो। इसके बीच बहुत से ऐसे बच्चे भी हैं जिन्होंने कोरोना की वजह से अपने अभिभावकों को खो दिया है। एक तरफ उनके ऊपर अपने माता-पिता को खोने का कष्ट है, वहीं उनकी पढ़ाई में भी संकट आने लगा है। इसे देखते हुए भारतीय कंपनी सचिव संस्थान ने ऐसे सभी बच्चों को प्रवेश के समय लगने वाले पंजीयन शुल्क से छूट दे दी है। यह सुविधा उन सभी बच्चों के लिए हैं जिनके अभिभावक, कानूनी अभिभावक या गोद लेने वालों का कोरोना में निधन हो गया हो। कानपुर कंपनी सचिव संस्थान पहले ही इंट्रेंस टेस्ट की कोचिंग, किताबों के खर्चों को ऐसे बच्चों के लिए माफ कर चुका है।
कानपुर कंपनी सचिव संस्थान के पूर्व चेयरमैन गोपेश साहू के मुताबिक यह सुविधा चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक जारी रहेगी। इसके लिए भारतीय कंपनी सचिव संस्थान की बैठक में निर्णय लिया जा चुका है।