18 कैरेट से कम के जेवरों पर अब भी संकट, कानपुर के सराफा कारोबारियों को सता रही नुकसान की चिंता
सराफा बाजार में अब जल्द ही 14 18 और 22 कैरेट के अलावा 20 23 और 24 कैरेट भी शामिल हो जाएंगे। इसके बाद अब 18 से 24 कैरेट के बीच सिर्फ 19 और 21 कैरेट के सोने के जेवर ही बचेंगे।
कानपुर, जेएनएन। हालमार्क में 14, 18 और 22 कैरेट के बाद अब तीन और कैरेट भी जल्द ही शामिल हो जाएंगे। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम अपनी तैयारी कर रही है लेकिन 18 कैरेट से कम सोने के जेवरों को लेकर अब भी सराफा कारोबारियों के सामने संकट है। वे यह समझ नहीं पा रहे हैं कि इन्हें अगर हालमार्क के लिए भेज दिया तो उससे होने वाला नुकसान कैसे सहन करेंगे।
सराफा बाजार में अब जल्द ही 14, 18 और 22 कैरेट के अलावा 20, 23 और 24 कैरेट भी शामिल हो जाएंगे। इसके बाद अब 18 से 24 कैरेट के बीच सिर्फ 19 और 21 कैरेट के सोने के जेवर ही बचेंगे। हालांकि इस मानक में जेवर बहुत कम बनते हैं। सराफा कारोबारियों की असली समस्या यह है कि 14 से 18 कैरेट से नीचे बहुत से कारोबारी सोने के जेवर बनाते हैं और इस समय उनके स्टाक में भी ये जेवर हैं। कई जेवर ऐसे भी हैं जो 18 कैरेट के हिसाब से बनाए गए लेकिन उनकी शुद्धता 18 कैरेट से कुछ कम रह गई। ऐसी स्थिति में जो भी जेवर 18 कैरेट से नीचे होगा उस पर सीधे 14 कैरेट की मुहर लगेगी। 14 कैरेट में सोने की शुद्धता 58.5 फीसद होती है। यानी 100 ग्राम वजन के गहने में सोने की मात्रा 58.5 फीसद बची। जबकि 18 कैरेट में सोने की शुद्धता 75 फीसद होती है। इसका मतलब 100 ग्राम में 75 ग्राम सोना। इसमें सोना अगर 74.5 फीसद भी हुआ तो जब उस पर 14 कैरेट की मुहर लगेगी तो वह 58.5 फीसद ही बचेगा। यानी सीधे 16 ग्राम सोने का नुकसान हो जाएगा। ऐसी स्थिति में कारोबारियों के सामने एक ही रास्ता बच रहा है कि वह इस तरह के सोने के जेवर को गला ही दें। हालांकि उसमें भी जेवर की बनवाई का नुकसान हो जाएगा।