Move to Jagran APP

जरूरत आज तो कल मिलेगा ब्लड

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक में अराजकता के दो उदाहरण सिर्फ बताने के लिए हैं कि यहां मरीज को आसानी से ब्लड नहीं मिल पाता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 09:05 AM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 11:43 AM (IST)
जरूरत आज तो कल मिलेगा ब्लड
जरूरत आज तो कल मिलेगा ब्लड

जागरण संवाददाता, कानपुर : जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक में अराजकता के दो उदाहरण सिर्फ बताने के लिए हैं कि यहां मरीज को आसानी से ब्लड नहीं मिल पाता है। ब्लड बैंक में अधिकारियों के न रहने से कर्मचारी बेलगाम हो गए हैं। ब्लड के लिए मरीजों के परिजन 12-12 घंटे तक इंतजार करते रहते हैं। शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं होती है। यहां इमरजेंसी में ब्लड मिलना संभव नहीं है।

loksabha election banner

नंबर सिस्टम का प्रावधान नहीं

ब्लड बैंक में कोई नंबर सिस्टम न होने से अराजकता है। कौन कब ब्लड के लिए आया, किसे कब दिया जाना है, इसका कोई रिकार्ड ही यहां नहीं रखा जाता।

ऑनलाइन स्टॉक, फिर भी आनाकानी

स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल (एसबीटीसी) की वेबसाइट पर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक का ऑनलाइन स्टॉक चेक कर सकते हैं। ऑनलाइन स्टॉक जो दिखता है, उससे कर्मचारी इन्कार कर देते हैं।

क्रासमैच के नाम पर भी खेल

मरीज के रक्त और ब्लड बैंक में मिलने वाले रक्त का क्रासमैच कराते हैं। सामान्य रूप से इस प्रक्रिया में 30 से 45 मिनट तक लगता है पर यहां तीन-चार घंटे इंतजार कराते हैं।

ये है स्टॉक की स्थिति

ए पॉजीटिव 8, ए निगेटिव 7, बी पॉजीटिव 48, बी निगेटिव 6, एबी पॉजीटिव 5, एबी निगेटिव 5, ओ पॉजीटिव 38, ओ निगेटिव 2 यूनिट ब्लड है, जो 14 अगस्त से अपडेट नहीं है।

----------------

ब्लड बैंक मरीजों की सुविधा के लिए है। अगर मरीज ब्लड के लिए परेशान किए जा रहे हैं तो गंभीर बात है। इसके लिए ब्लड बैंक प्रभारी से बात करेंगे।

-डॉ. नवनीत कुमार, प्राचार्य जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।

केस 1 : इटावा निवासी महिला के बेटे का गुरुवार शाम चार बजे आर्य नगर स्थित नर्सिग होम में आपरेशन था। सुबह चार बजे से ब्लड लेने आई थी, साथ में डोनर था। पुत्र की जान की दुहाई देकर गिड़गिड़ा रही थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। शाम चार बजे ब्लीड (रक्तदान) के लिए डोनर को बुलाया।

केस 2 : सरवन तिवारी की गर्भवती पत्‍‌नी को डॉक्टरों ने रक्त चढ़ाने की सलाह दी। बुधवार सुबह 5 बजे से लेकर 12 बजे तक ए पॉजीटिव रक्त के लिए इंतजार करते रहे लेकिन नहीं मिला। हालत बिगड़ने पर नर्सिग होम ले गए। वहां भी ब्लड मांगा तो गुरुवार सुबह दोबारा आए। शाम चार बजे तक इंतजार करते रहे पर कोई सुनने वाला नहीं था।

------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.