Move to Jagran APP

यहां तो हर मोड़ पर सुरक्षा में सेंध

रक्षा प्रतिष्ठानों से लेकर कचहरी तक सुरक्षा इंतजाम ढीले

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 01:16 AM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 01:16 AM (IST)
यहां तो हर मोड़ पर सुरक्षा में सेंध
यहां तो हर मोड़ पर सुरक्षा में सेंध

जागरण संवाददाता, कानपुर :

loksabha election banner

शहर में आतंकी संगठनों और पाकिस्तानी एजेंट की सक्रियता, स्लीपिंग मॉड्यूल, नक्सली और बंगलादेशी की गिरफ्तारी यहां की संवेदनशीलता को बढ़ाती है। यहां के रक्षा प्रतिष्ठान, विश्वस्तरीय शैक्षिक संस्थान व धार्मिक स्थल हमेशा दहशतगर्दो के निशाने पर रहे हैं। रक्षा प्रतिष्ठानों के आसपास झुग्गी-झोपड़ी से लेकर अवैध निर्माण हैं। कई जगह पर सब्जी मंडी व दुकानों का निर्माण हो गया है। ऐसे में संदिग्धों पर नजर रखना मुश्किल साबित हो सकता है। भौंती रूमा फ्लाईओवर से इस रास्ते पर पड़ने वाले कई प्रतिष्ठित प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए रेकी की जा सकती है। इसके बाद भी पुलिस, खुफिया या विशेष टीम कोई कदम नहीं उठा रही है।

-----

कचहरी की सुरक्षा में लगे मेटल डिटेक्टर बने शोपीस

कचहरी की सुरक्षा को सीसीटीवी कैमरों, मेटल डिटेक्टर और लगेज स्कैनर मशीन से चाक चौबंद तो किया गया है, लेकिन सुरक्षाकर्मी मुस्तैदी से काम नहीं कर रहे हैं। दीवानी न्यायालय परिसर में हनुमान मंदिर की ओर से प्रवेश करने पर रास्ता संकरा होने से मेटल डिटेक्टर आगे रख दिया गया है। परिसर में प्रवेश करने वाले तो मेटल डिटेक्टर से होकर गुजरते हैं जबकि बाहर निकलने वाले इसके बगल से। दीवानी न्यायालय परिसर के अन्य प्रवेश द्वारों पर भी कमोबेश यही स्थिति है। सीएमएम गैलरी में तीन मेटल डिटेक्टर लगे हैं। जांच के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, लेकिन यहां भी मेटल डिटेक्टर से होकर लोग नहीं गुजरते। जिन्हे जांच करनी है, वे कुर्सियों में आराम फरमाते हैं। शताब्दी और लॉयर्स प्रवेश द्वार पर लगे कैमरे रखरखाव न होने से खराब हो गए।

--------------------

झकरकटी बस अड्डा की सुरक्षा भी भगवान भरोसे

झकरकटी बस अड्डे पर प्रतिदिन तीन सौ से ज्यादा बसों से हजारों यात्री सफर करते है। यहां सुरक्षा के लिए सुरक्षा इंतजाम नाकाफी हैं। बसों में कभी भी कोई आसानी से आ जा सकता है और कोई भी घटना अंजाम दे सकता है। माल की बुकिंग भी नियमत नहीं होती। ड्राइवर और कंडक्टर को चंद रुपये थमाकर कोई भी कुछ ला या ले जा सकता है। चकेरी से आतंकी पकड़े जाने के बाद और शहर की सुरक्षा को खतरे की आशंका के बीच शुक्रवार को भी झकरकटी बस अड्डे पर नजारा रोज की तरह ही था। यहां कोई संदिग्ध पर नजर रखने वाला था, न सामान की जांच करने वाला।

-----------------

कलेक्ट्रेट में भी नहीं सुरक्षा के पर्याप्त संसाधन

कचहरी को बम से उड़ाने की धमकी के बाद वर्ष 2011 में दीवानी न्यायालय परिसर के साथ ही कलेक्ट्रेट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई थी। प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए, लेकिन वक्त बीतने के साथ ही हटा दिए गए। अपर नगर अधिकारियों के कार्यालयों का भी यही हाल है। लोग आसानी से परिसर में प्रवेश करते मिले। न तो यहां कोई पूछने वाला था और न ही कोई जांच करने वाला।

---------------

सेंट्रल स्टेशन आने हजार रास्ते, सुरक्षा संसाधन दिखावा

सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर आने के हजार रास्ते हैं। टैक्स चोरी का माल लाने के लिए बने चोर रास्ते इसके लिए सबसे बड़ा खतरा है। सिटी साइड हो या फिर कैंट साइड, दोनों ओर ये रास्ते जीआरपी और आरपीएफ को भी पता है, फिर भी बंद नहीं किए जाते। दूसरी तरफ हजारों यात्री यहां प्रतिदिन आते हैं, ऐसे में उन पर निगाह बनाए रखने के लिए करीब 60 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, लेकिन इनमें आधे खराब पड़े हैं। दोनों मेटल डिटेक्टर भी खराब हैं। लगेज स्कैनर को देखने वाला कोई नहीं।

----------------

परमट व पनकी हनुमान मंदिर भी असुरक्षित

शहर में परमट व पनकी हनुमान मंदिर अपना अलग स्थान रखते है। परमट में सोमवार और पनकी हनुमान मंदिर में मंगलवार को हजारों श्रद्धालु दर्शन करने को आते हैं। यहां पर सीसीटीवी कैमरे तो लगे है, लेकिन अचानक हमला हो जाए तो उससे निपटने के लिए कोई नहीं है। सुरक्षा होमगार्डो के सहारे है। सुरक्षा के लिए मंदिर प्रबंधन ने कई बार शासन व प्रशासन को लिखा।

--------------------

सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था तार-तार

अस्पतालों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं जबकि यहां हजारों की भीड़ रोजाना आती है। न सीसीटीवी कैमरे ठीक से काम करते हैं और न ही डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर लगे हैं। एलएलआर अस्पताल के ओपीडी, इमरजेंसी एवं इनडोर में रोजाना पांच से दस हजार मरीज आते हैं। कई जगह लगे सीसीटीवी कैमरे खराब हैं। प्रमुख अधीक्षक डॉ. आरके मौर्या का कहना है कि प्रवेश एवं निकास के कई गेट हैं, जिससे सुरक्षा इंतजाम करना संभव नहीं है। लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) की ओपीडी व प्रमुख बिल्डिंग अलग है। यहां मरीजों की 24 घंटे भीड़ रहती है, लेकिन सुरक्षा इंतजाम नहीं हैं। यही हाल जेके कैंसर संस्थान, उर्सला, डफरिन, केपीएम एवं कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय का भी है। पार्क, कोचिंग मंडी व शिक्षण संस्थान समेत अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी सुरक्षा व्यवस्था के प्रति अनदेखी है।

---------------------

''शासन की तरफ से अलर्ट जारी कर दिया गया है। कोई भी संदिग्ध व्यक्ति या सामान की जानकारी होते ही पुलिस को सूचना देने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। पुलिस को शतप्रतिशत सत्यापन कराने के सख्त आदेश दिए गए हैं।

अवनीश चंद्र, एडीजी

----------------

इनका रखें ध्यान

- घर के आसपास कुछ भी संदिग्ध दिखने पर पुलिस को सूचना दें।

- किरायेदार, नौकर व प्रतिष्ठान में काम करने वाले हर कर्मचारी का सत्यापन जरूर कराएं।

- अनजान आदमी से दूर रहें और सुरक्षा मानकों का उल्लंघन न करें।

- रात में घर से गायब रहने वाले से भी सर्तक रहें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.