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भाजपा में नाराजगी का गुबार, किस मुंह से जाएं जनता के बीच

जागरण संवाददाता, कानपुर : गोरखपुर और फूलपुर में भाजपा की हार पर दबी जुबां से कार्यकर्ता क

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Mar 2018 01:30 AM (IST)Updated: Sat, 17 Mar 2018 01:30 AM (IST)
भाजपा में नाराजगी का गुबार, किस मुंह से जाएं जनता के बीच
भाजपा में नाराजगी का गुबार, किस मुंह से जाएं जनता के बीच

जागरण संवाददाता, कानपुर : गोरखपुर और फूलपुर में भाजपा की हार पर दबी जुबां से कार्यकर्ता का यह कहना- 'ठीक ही हुआ' यूं ही नहीं है। भगवा दल में अपनी ही सरकार के कामकाज के ढंग और रवैये से नाराजगी लगातार पनप रही है। शुक्रवार को प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर जब कार्यकर्ताओं को यह समझा रहे थे कि जनता तक सरकार की योजनाएं कैसे ले जाना है, तो बाजी उल्टी पड़ गई। कार्यकर्ताओं ने सवाल उठा दिए कि आपकी ऐसी कौन सी सफल योजना है, जिसे लेकर जनता के बीच जाएं। जनता हमसे पूछती है, हम क्या मुंह दिखाएं? कार्यकर्ताओं को आंखें तरेरकर शांत कराने के अलावा कोई चारा नेताओं के पास नहीं बचा था।

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भाजपा ने संगठन की संरचना में आंशिक परिवर्तन किया है। उसकी जानकारी देने के साथ ही कार्यकर्ताओं को 2019 में लोकसभा चुनाव के लिहाज से कार्यशैली समझाने के लिए फजलगंज स्थित गेस्ट हाउस में शुक्रवार को कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें सभी सेक्टर प्रमुख, सेक्टर प्रभारी, सेक्टर प्रवासी, मंडल अध्यक्ष और जिला पदाधिकारी बुलाए गए थे। मुख्य अतिथि व वक्ता भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर थे। कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम की रूपरेखा समझायी और कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार जो अच्छा काम कर रही हैं, उन्हें कार्यकर्ता ही जनता तक पहुंचा सकते हैं। इसके बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं का इम्तिहान लेना शुरू कर दिया। बारी-बारी से खड़ा कर पूछने लगे कि आप अपने क्षेत्र में सरकार की कौन सी योजना के बारे में, क्या और कैसे जनता को बताएंगे? एक-दो कार्यकर्ताओं के बोलने के बाद ही उत्तर जिला मंत्री एवं पार्षद धीरू त्रिपाठी की बारी आ गई।

जेपीएस राठौर से धीरू का स्पष्ट जवाब था- हम जनता के बीच कौन सी योजना की चर्चा करें। कानपुर को स्मार्ट सिटी घोषित किया है, लेकिन कोई काम नहीं हुआ। नमामि गंगे सरकार का बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है। कानपुर में गंगा का एक लोटा पानी भी साफ नहीं हुआ। स्वच्छ भारत मिशन में शौचालय तो कई बन गए, लेकिन अधिकांश बंद पड़े हैं। उनके संचालन को न कर्मचारी हैं और न ही बजट। धीरू यहीं नहीं रुके। बोले कि अभी भाषण में टूल रूम का जिक्र हुआ। हकीकत यह है कि टूल रूम में एक ईट तक नहीं लगी। वहां जंगल खड़ा हो गया है। जनता हमसे पूछती है। कोई जवाब न सूझा तो राठौर बोले- आप अपनी बात सदन में क्यों नहीं उठाते। फिर मामला उल्टा पड़ गया। पार्षद धीरू ने सवाल दाग दिया- कौन से सदन में? चार माह से चिल्ला रहे हैं, सदन लगा ही नहीं है।

वह बैठे तो उसी तेवर में नीरज दीक्षित शुरू हो गए। बोले कि आप कहते जरूर हैं, लेकिन नीचे कोई काम नहीं हो रहा। आधार कार्ड को लेकर जनता परेशान है। दो-दो घंटे लाइन में खड़ी रहती है, लेकिन आधार कार्ड नहीं बन पा रहा।

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असहज करती रहीं कार्यकर्ताओं की तालियां

भाजपा के वरिष्ठ नेता इसलिए भी असहज हो गए, क्योंकि जिस समय कार्यकर्ता भड़ास निकाल रहे थे, तब बैठे अन्य कार्यकर्ता लगातार तालियां बजा रहे थे। अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी शांत करने की कोशिश में जुटे रहे।

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मंडल अध्यक्ष भी फट पड़े

कार्यशाला के बाद प्रदेश उपाध्यक्ष कुछ पदाधिकारियों के साथ मंडल अध्यक्षों की अलग बैठक लेने पहुंचे। वहां मंडल अध्यक्षों के तेवर भी वही थे। उन्होंने कहा कि थानों, सरकारी विभागों में हमारे काम नहीं हो रहे। सबसे ज्यादा समस्या तो नगर निगम में आ रही है।

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ये रहे उपस्थित

एमएलसी अरुण पाठक, डॉ. बीना आर्या, अभिषेक कुमार, सुनील बजाज, सत्येंद्रनाथ पांडेय, पूनम कपूर, प्रमोद त्रिपाठी, दीपक सिंह, अनिल दीक्षित, रंजीता पाठक, कमल तिवारी, मुकेश भाटिया, आकाश शुक्ला, किरन पांडेय, किरन तिवारी आदि।


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