मेट्रो स्टेशन की दीवारें बताएंगी कानपुर की धार्मिक और ऐतिहासिक कहानी Kanpur News
पूरब का मैनचेस्टर कहे जाने वाले शहर को प्रदेश की औद्योगिक राजधानी भी माना जाता है।
कानपुर, जेएनएन। दो साल बाद जब आप कानपुर मेट्रो में सफर करने के लिए स्टेशन पहुंचेंगे, तो दीवारें आपको कानपुर के धार्मिक, ऐतिहासिक और औद्योगिक विकास से वाकिफ कराएंगी। इसके लिए सभी स्टेशनों की दीवारों पर चित्र उकेरे जाएंगे। ये देखने में खूबसूरत होने के साथ-साथ जानकारीपरक भी होंगे। प्रदेश के नजरिए से देखें तो कानपुर सामान्य शहर नहीं है।
भले भी इस शहर का इतिहास चंद सौ साल पुराना ही है, लेकिन 19 वीं सदी में शहर ने तेजी से विकास किया। न सिर्फ आबादी के मामले में लखनऊ और वाराणसी जैसे शहरों को पीछे छोड़ा, बल्कि औद्योगिक क्रांति का इतिहास लिखा। इसीलिए पूरब का मैनचेस्टर कहा जाने वाला यह शहर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी माना जाता है।
कानपुर मेट्रो का प्रोजेक्ट तैयार करते समय उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने भी इस बात का ध्यान रखा है। इसलिए लखनऊ की तर्ज पर यहां के स्टेशनों की दीवारों पर भी कानपुर की विरासत को उकेरा जाएगा। मेट्रो के अधिकारी बताते हैं कि किस स्टेशन पर किस तरह के चित्र बनाए जाएंगे, फिलहाल यह तय नहीं है, लेकिन पवित्र गंगा, बिठूर, औद्योगिक क्रांति का स्वर्णिम दौर, शहर के प्रमुख भवन सहित यहां की धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान बताने वाले चित्रों को बनाए जाने की तैयारी है।
इसके साथ ही स्वाधीनता संग्राम में कानपुर के गौरवमयी इतिहास को भी इन चित्रों में जगह दी जा सकती है। इसके लिए लखनऊ मेट्रो में काम करने वाले आर्ट वर्क के कारीगरों को यहां भी जिम्मेदारी दी गई है। ये चित्र भी होंगे स्टेशनों पर आइआइटी, एचबीटीयू, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, सीएसजेएमयू, भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के चित्र उकेरे जाएंगे। इसके साथ ही महर्षि वाल्मीकि आश्रम, ब्रह्मावर्त घाट, भीतरगांव का सूर्य मंदिर, नानाराव पेशवा स्मारक आदि पर्यटन स्थलो के चित्र भी होंगे।