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कोरोना कॉल में बकरों की कीमत तीस फीसद गिरी

- - मोहल्लों में घूम घूम कर हो रही जानवरों की खरीद फरोख्त

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 06:36 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 06:36 AM (IST)
कोरोना कॉल में बकरों की कीमत तीस फीसद गिरी
कोरोना कॉल में बकरों की कीमत तीस फीसद गिरी

जागरण संवाददाता, कानपुर : बकरा बाजार न लगने से व्यापारी परेशान है। दूसरे प्रदेशों में सप्लाई न होने से बकरों की कीमतों में भी तीस फीसदी तक गिरावट आई है। आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले किसान बकरों को फेरी कर बेच रहे हैं। बजरिया बकरमंडी में बकरों की बाजार लगना शुरू हुई है लेकिन मुंहमांगी कीमत नहीं मिल रही है। कई लोग गांवों से बकरे लाकर खुद ही अपने मोहल्लों में बेच रहे हैं। बकरीद के सिर्फ चार दिन रह गए जबकि बकरा बाजार लगने का निर्णय नहीं हो सका है। ऐसे में साल भर तक बकरों को बकरीद के लिए पालने वाले किसान परेशान है। इस वर्ष उनको काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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बकरीद एक अगस्त को मनाई जाएगी। ईद उल अजहा की नमाज के बाद जानवरों की कुर्बानी भी होगी। कुर्बानी के लिए हर बार नई सड़क, बाकरगंज, नालारोड में बकरों व बड़े जानवरों की अस्थाई बाजार लगती थी। इस बार लॉकडाउन की वजह से अभी तक बाजार नहीं लग सकी है। इन बाजारों में चौबेपुर, बांगरमऊ, बारा अकबरपुर, बिल्हौर, चौरा, मकनपुर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से किसान व व्यापारी बकरे लेकर आते थे। कानपुर से ही बकरों की आपूर्ति बंगाल, महाराष्ट्र आदि प्रदेशों में होती थी। इस बार ऐसा नहीं हो पा रहा है। कोरोना वायरस व लॉकडाउन की वजह से कुर्बानी भी कम होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसका असर बकरों की कीमतों पर भी पड़ रहा है। फिलहाल बाजारों के लिए जगह चिंह्नित न होने से किसान फेरी कर बकरों को बेच रहे हैं। बजरिया स्थित बकरमंडी में आम दिनों की तरह बकरों की खरीद फरोख्त हो रही है। यहां पर बकरीद के मद्देनजर भी लोग बकरों को बेचने ला रहे हैं। मंडी में जमुनापारी, खस्सी, अलवर, बरबरा, तोतापरी नस्ल के बकरे लेकर व्यापारी आ रहे है। चौबेपुर के व्यपारी पप्पू ने बताया कि 12 किलोग्राम का बकरा 8 हजार रुपये में बिक रहा है। बकरीद की बाजार न लगने से व्यापारी परेशान है। बकरों की कीमतों में 20 से 30 फीसदी गिरावट आई है। याकूबपुर से आए व्यापारी उमेश ने बताया कि इस वर्ष नुकसान उठाकर बकरों को बेचना पड़ रहा है। बकरीद पर अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद में बकरों को साल भर पालते हैं, लॉकडाउन से व्यापारी बकरों को दूसरे प्रदेश नहीं भेज पा रहा है इसका असर भी बकरों की कीमतों पर पड़ रहा है। पेचबाग के मुबश्शिर सिद्दीकी बताते हैं कि वे बांगरमऊ से तीन बकरे 25 हजार रुपये में लाए हैं। किसान कम कीमत पर बकरे बेचने को मजबूर हैं। उधर, बगाही ईदगाह मैदान में सोमवार को बकरों की खरीद फरोख्त के लिए अस्थाई बाजार लगी।


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