ई-वे बिल में टैक्स समेत जोड़ी जाएगी माल की वैल्यू
रोटरी क्लब ऑफ कानपुर वेस्ट की ओर से ई-वे बिल पर गोष्ठी आयोजित की गई। जॉब के लिए 10 रुपये का माल भी दूसरे राज्य भेजने पर ई-वे बिल जरूरी है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : 'ई-वे बिल में 50 हजार रुपये को टैक्स के साथ जोड़कर देखा जाएगा। सिर्फ माल की कीमत के आधार पर ई-वे बिल जारी नहीं किया जाए।' यह बात शुक्रवार को मर्चेट चैंबर में रोटरी क्लब आफ कानपुर वेस्ट द्वारा ई-वे बिल पर आयोजित गोष्ठी में मुख्य वक्ता चार्टर्ड एकाउंटेट संजय अग्रवाल ने बताई।
उन्होंने कहा कि अगर माल 48 हजार रुपये का है और उस पर पांच फीसद टैक्स है तो कुल कीमत 50,400 रुपये हो जाएगी। ऐसी स्थिति में यह कह कर नहीं बच सकते कि माल 48 हजार रुपये का है क्योंकि ई-वे बिल जेनरेट करने के लिए माल की वैल्यू टैक्स को जोड़कर की जाएगी।
उनके अनुसार दूसरे राज्य में जॉब वर्क के लिए 10 रुपये का भी माल भेजा गया तो उसके लिए ई-वे बिल जेनरेट करना होगा। जॉब वर्क के लिए माल भेजते समय सिर्फ मात्रा नहीं बतानी होगी। उसकी कीमत बतानी होगी क्योंकि कितने माल का मूवमेट होगा यह ई-वे बिल से जाना जाता है।
मुख्य वक्ता के मुताबिक अपंजीकृत से माल खरीदने की स्थिति में पंजीकृत कारोबारी को ई-वे बिल जेनरेट करना होगा। इसी तरह जो माल का मूवमेट कर रहा है, ई-वे बिल जेनरेट करने की जिम्मेदारी उसकी होती है। उन्होंने बताया कि एक बार ट्रांसपोर्टर की आइडी डालने के बाद ट्रांसपोर्टर को बदल नहीं सकते। गोष्ठी में क्लब के अध्यक्ष संकल्प भल्ला, अतुल मेहरोत्रा, ओपी अग्रवाल, तेजपाल खुराना, सुभाष खेड़िया, अरुण खेमका, प्रशांत गुप्ता, स्वतंत्र सिंह आदि मौजूद थे।