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दर्द से भरे मरीजों को अखर रहा कंट्रोल रूम का संगीत

अपनों के दर्द की परेशानी से लोग हो रहे हैं परेशान।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 02:12 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 02:12 AM (IST)
दर्द से भरे मरीजों को अखर रहा कंट्रोल रूम का संगीत
दर्द से भरे मरीजों को अखर रहा कंट्रोल रूम का संगीत

जागरण संवाददाता, कानपुर : अपनों के दर्द से परेशान मरीजों को कंट्रोल रूम का संगीत अखर रहा है। इसकी शिकायत अफसरों के पास भी है, लेकिन वह सिर्फ जल्द व्यवस्था बदलने का आश्वासन देते हैं। आइए आपको ऐसे ही कुछ लोगों के दर्द से रूबरू कराते हैं, जिन्होंने मंगलवार रात फोन किया तो उन्हें कई कॉल के बाद भी कॉलर ट्यून सुनने के सिवाय कोई दूरा रिस्पांस नहीं मिला। दो घंटे में की 12 कॉल, नहीं उठा फोन

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किदवईनगर निवासी अधिवक्ता अखिलेश तिवारी की 65 वर्षीय महिला रिश्तेदार कोरोना संक्रमित हैं। अचानक उनका ऑक्सीजन लेवल गिरा तो मंगलवार रात सात बजे अखिलेश ने फोन करना शुरू किया। लगातार दो घंटे में दस-बारह कॉल की, लेकिन हर बार सिर्फ कॉलर ट्यून ही सुनाई दी। इसके बाद वह अपनी रिश्तेदार को लेकर रामा हॉस्पिटल पहुंचे। अस्पताल प्रबंधन ने कंट्रोल रूम से रजिस्ट्रेशन कराने के आश्वासन पर भर्ती कर लिया।

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दोस्त को बचाने के लिए करते रहे फोन

कैंट निवासी अमित कुमार के दोस्त की हालत अचानक बिगड़ गई। स्वजन ने सूचना दी तो अमित ने कोविड कंट्रोल रूम में फोन किया। कोई रिस्पांस नहीं मिलने पर वह दोस्त को निजी अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टर ने दवा देने के बाद कोविड जांच कराने को कहा। अमित ने कंट्रोल रूम का फोन न उठने पर नाराजगी जताई, कहा कि इसे बंद कर देना चाहिए।

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बाबा बीमार हैं, और कितना इंतजार करें

कल्याणपुर केशवपुरम के पवन कुमार ने कोविड कंट्रोल रूम में फोन किया। बताया बाबा की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कंट्रोल रूम के कर्मचारी ने उन्हें वाट्सएप नंबर दिया और सभी रिपोर्ट भेजने को कहा। रिपोर्ट भेज दीं, उसके बाद रिस्पांस नहीं आया। पहले कहा ऑक्सीजन नहीं है फिर किया भर्ती

चकेरी निवासी सत्यप्रकाश पांडेय की 75 वर्षीय माता की हालत बिगड़ी तो कंट्रोल रूम में फोन किया। वहां से कांशीराम अस्पताल भेजा गया। वहां ऑक्सीजन न होने की बात कहकर लौटा दिया गया। इसके बाद सत्यप्रकाश ने मां को भर्ती कराने की जद्दोजहद की। दोपहर तकरीबन एक बजे उन्हें भर्ती कराया जा सका। संजय की जगह संध्या के नाम पर बना दिया लेटर

जिदगी से जद्दोजहद करते मरीज के लिए एक-एक पल भारी है, लेकिन कंट्रोल रूम के कर्मचारी इसे नहीं समझते। साकेत नगर के संजय तिवारी का ऑक्सीजन लेवल गिरा तो छोटे भाई ने कंट्रोल रूम में फोन किया। सुबह से परेशान परिवार को दोपहर में भर्ती लेटर मिला, लेकिन नाम संध्या तिवारी लिख दी गया। शाम तकरीबन पांच बजे बदलाव कराकर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।


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