दिल्ली से भी अधिक खराब हुई शहर की हालत
शहर में हवा की स्थिति बिगड़ती ही जा रही है। हानिकारक गैसों का घनत्व सांसों पर भारी है।
जागरण संवाददाता, कानपुर :
शहर में हवा की स्थिति बिगड़ती ही जा रही है। हानिकारक गैसों का घनत्व सांसों पर भारी है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) बद से बदतर हो गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार कानपुर देश में आठवां सबसे प्रदूषित शहर हो गया है। यहां की हवा दिल्ली से अधिक नुकसानदायक मिली है। प्रदेश के दूषित जिलों की अगर बात की जाए तो कानपुर का छठवां स्थान है। यहां पर्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5), नाइट्रोजन डाईऑक्साइड (एनओटू), सल्फर डाईऑक्साइड (एसओटू), कार्बन डाईऑक्साइड (सीओटू), कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) की मात्रा मानक से कई गुना अधिक है। तापमान कम होने से फिजा में और भी अधिक जहर घुलता जा रहा है। हवा न चलने की वजह से दूषित गैसें वायुमंडल के सबसे निचली परत में एकत्रित हो गई है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. एसबी फ्रैंक्लिन के मुताबिक तापमान और कम होने से दूषित गैसों का घनत्व बढ़ेगा। कोहरा पड़ने पर स्थिति बिगड़ सकती है।
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प्रदूषित शहरों की स्थिति
शहर एक्यूआइ
गाजियाबाद 478
पानीपत 475
बल्लभगढ़ 467
बागपत 461
नोएडा 450
ग्रेटर नोएडा 438
हापुड़ 435
कानपुर 434
मेरठ 430
मुज्जफरनगर 428
दिल्ली 419
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कानपुर में गैसों की स्थिति
गैसें औसत अधिकतम
पीएम 2.5 432 492
एनओटू 106 152
एसओटू 20 35
ओजोन 56 79
(मात्रा माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर में है। )