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शहर के बाहरी इलाकों की हवा भी हुई जहरीली, जानिए किन-किन स्थानों पर है सर्वाधिक प्रदूषण Kanpur News

तापमान कम होने की वजह से वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार बिगड़ता जा रहा जाजमऊ पॉलीटेक्निक मोतीझील चौराहे मिले सबसे प्रदूषित।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 12:41 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 09:43 AM (IST)
शहर के बाहरी इलाकों की हवा भी हुई जहरीली, जानिए किन-किन स्थानों पर है सर्वाधिक प्रदूषण Kanpur News
शहर के बाहरी इलाकों की हवा भी हुई जहरीली, जानिए किन-किन स्थानों पर है सर्वाधिक प्रदूषण Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। शहर में सुबह और शाम के समय हवा की स्थिति बेहद खराब है। तापमान कम होने की वजह से वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार बिगड़ता जा रहा है। कानपुर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत लगाए गए प्रदूषण मापक उपकरणों की रिपोर्ट खतरनाक आई है। रात 10 बजे जाजमऊ पुरानी चुंगी, पॉलीटेक्निक और मोतीझील चौराहे पर सबसे अधिक प्रदूषण मिला। रतनलाल नगर, पीएसी मोड़, पनकी स्टील प्लांट तिराहा और बर्रा सचान चौराहे की हवा भी गुणवत्ता भी सांसों पर भारी है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन मोहल्लों की आई रिपोर्ट की जांच शुरू कर दी है।

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चौराहों पर वायु प्रदूषण की स्थिति

चौराहे/तिराहे   एक्यूआइ    पीएम 2.5    पीएम 10

बर्रा दो             350        187.64        254.18

मरियमपुर         331        157.33        213.11

पनकी              341         172.44        233.56

मोतीझील          418          273.37       371.44

नौबस्ता             316           141                192

पॉलीटेक्निक       438          299.33       410.64

मूलगंज             372            212.97       288.21

भैरोघाट             232               100             100

पीएसी मोड़        395             242.71        330.09

जाजमऊ चुंगी      500             317.74       431.47

पनचक्की            438                299          407.51

रतनलाल नगर     352             171.88         233.16

फजलगंज           334              164.13         223.18

रावतपुर              235              100.60          136.62

मुख्यमंत्री का आदेश भी ठेंगे पर रखे नगर निगम

वायु प्रदूषण को लेकर भले ही देश भर में हल्ला मचा हो लेकिन नगर निगम के अभियंत्रण विभाग को कोई फर्क नहीं पड़ता। यही नहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 15 नवंबर तक सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के आदेश को भी ठेंगे पर रखे है। स्थिति यह है कि 172 सड़कों में अभी तक महज 24 ही बन पाई हैं। ऐसे में तय तिथि तक पैचवर्क भी नहीं हो पाएगा।

नगर निगम के अभियंताओं ने दो माह पहले 172 उखड़ी और खोदी सड़कों को चिह्नित किया था। इनके निर्माण के लिए 12 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार किया गया। पैचवर्क के लिए चुनाव आयोग ने छूट दे रखी थी। इसके बाद भी अभी तक 24 सड़कों का ही पैचवर्क हो पाया है। उधर, सड़कों पर उड़ती धूल के चलते सांस लेना मुश्किल हो रहा है।

यहां पर उखड़ी पड़ी सड़कें

आर्य नगर, स्वरूप नगर, तिलक नगर, बेनाझाबर, बृजेंद्र स्वरूप पार्क, पीरोड, जवाहर नगर, नेहरू नगर, किदवईनगर, विश्वबैंक बर्रा, कौशलपुरी, दर्शनपुरवा व केशवपुरम समेत कई इलाकों में सड़कें खस्ताहाल हैं।

इनका ये है कहना

सड़कों के निर्माण में देरी को लेकर अफसरों से जवाब तलब किया जाएगा। अभियान चलाकर तेजी से पैचवर्क कराया जाएगा।

-प्रमिला पांडेय, महापौर  


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