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नौकरी और मुआवजा के लिए धन्यवाद, जारी रहेगी इंसाफ की जंग

मीनाक्षी ने कहा-होटल कर्मियों की भूमिका संदिग्ध हो कार्रवाई - आरोपित पुलिस कर्मियों क

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Oct 2021 02:19 AM (IST)Updated: Sun, 03 Oct 2021 02:19 AM (IST)
नौकरी और मुआवजा के लिए धन्यवाद, जारी रहेगी इंसाफ की जंग
नौकरी और मुआवजा के लिए धन्यवाद, जारी रहेगी इंसाफ की जंग

जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पत्‍‌नी मीनाक्षी ने नौकरी और मुआवजा के लिए धन्यवाद दिया। संकेत दिया कि नौकरी व मुआवजे से पति की हत्या का मोल चुकाया नहीं जा सकता। इंसाफ की जंग जारी रहेगी। होटल कर्मियों की भूमिका संदिग्ध बताकर कार्रवाई की बात कही।

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पुलिस और प्रशासन के अफसर जब मीनाक्षी को आíथक सहायता का चेक देने गए तो उन्होंने उसे हाथों में लेकर बेहद शालीनता के साथ कहा कि नौकरी और मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री और आप सबका धन्यवाद, लेकिन उनकी लड़ाई यहीं खत्म नहीं हो जाती। वह तब तक लड़ेंगी, जब तक सभी आरोपितों को सजा न मिल जाए। मुख्यमंत्री पर उन्हें पूरा भरोसा है। उन्होंने सीबीआइ जाच कराने का आश्वासन दिया है। इस प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा। मीनाक्षी ने इस तरह से साफ कर दिया कि हत्यारोपित पुलिस कर्मियों प्रति उनके नजरिये में कोई बदलाव नहीं आया है।

शनिवार को मीनाक्षी ने बताया कि पूरे मामले में होटल कíमयों की भी भूमिका संदिग्ध है। पुलिस के साथ मिलकर उन्होंने साक्ष्यों से छेड़खानी की है। होटल कर्मियों को भी आरोपित बनाकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। गोरखपुर पुलिस ने साक्ष्यों से की छेड़छाड़

मीनाक्षी शनिवार को एक बार फिर दोहराया कि उन्हें एसआइटी पर पूरा विश्वास है, लेकिन गोरखपुर के किसी भी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पर कतई भरोसा नहीं है। अपने पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए उन्होंने अधिकाश साक्ष्यों से छेड़छाड़ करके उन्हें मिटाया है। कुछ साक्ष्यों से छेड़खानी करने में गोरखपुर पुलिस फंसी है। शहर पुलिस ने अभी तक उनकी और परिवार की मदद ही की है। सिर्फ तीसरी मंजिल पर ही क्यों की छापेमारी

मीनाक्षी का कहना है कि नियमानुसार अगर होटल में चेकिंग करनी थी तो रिसेप्शन काउंटर कर्मचारी से पूछताछ की जानी चाहिए थी। पति तो तीसरी मंजिल पर ठहरे थे। थाना प्रभारी और उनके साथ आए पुलिस कर्मियों ने पहली व दूसरी मंजिल पर रुके लोगों के कमरे क्यों चेक नहीं किए। सिर्फ टारगेट बनाकर वहीं क्यों छापेमारी की। इसका अब तक गोरखपुर का कोई अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे सका है।


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