लखनऊ में था आतंकी जलीस का साथी, एसटीएफ के पहुंचने से पहले भाग निकला Kanpur News
एटीएस मुंबई की टीम जलीस को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर रवाना पुलिस मोबाइल में मिले नंबरों के जरिए खंगाल रही आतंकी के कनेक्शन।
कानपुर, जेएनएन। मुंबई के सीरियल बम धमाकों में शामिल आतंकी डॉ. मोहम्मद जलीस अंसारी का एक साथी शुक्रवार दोपहर लखनऊ में ही हाईकोर्ट के पास उसका इंतजार कर रहा था। उसके साथ ही जलीस को संतकबीर नगर होते हुए नेपाल जाना था। एसटीएफ जलीस को लेकर जब तक वहां पहुंची, वह फरार हो गया। पुलिस अब जलीस के मोबाइल में मिले नंबरों की पड़ताल में जुटी है ताकि कानपुर, लखनऊ व यूपी के अन्य शहरों में उसके कनेक्शन का पता लगाया जा सके। शनिवार को एटीएस मुंबई की टीम ट्रांजिट रिमांड पर जलीस को लेकर मुंबई रवाना हो गई।
मुंबई के साथ ही अजमेर बम धमाकों में था शामिल
मुंबई के साथ ही अजमेर सीरियल बम धमाकों में शामिल रहा आतंकी डॉ. जलीस 26 दिसंबर को अजमेर जेल से 21 दिन की पैरोल पर छूटकर अपने घर मुंबई गया था। पैरोल अवधि खत्म होने से एक दिन पूर्व 16 जनवरी को वह फरार हो गया। बेटे जैद की सूचना पर मुंबई पुलिस ही नहीं बल्कि देश भर की खुफिया एजेंसियों के माथे पर बल पड़ गए थे। देश भर में रेड अलर्ट जारी किया गया था। एटीएस मुंबई ने उसके यूपी की ओर जाने की आशंका जताई थी। एसटीएफ, जीआरपी व एटीएस टीम की सतर्कता के चलते शुक्रवार दोपहर कामयाबी मिली। एसटीएफ ने रेलबाजार के फेथफुलगंज की मस्जिद के पास से उसको गिरफ्तार कर लिया।
संतकबीर नगर होते हुए नेपाल भागने की फिराक में था
पूछताछ में उसने बताया कि वह कानपुर, लखनऊ व संतकबीर नगर होते हुए नेपाल भागने की फिराक में था। वह मुंबई से करीब 48 हजार रुपये लेकर चला था। कानपुर व लखनऊ में भी पुराने साथियों से आर्थिक मदद लेनी थी। एसटीएफ के प्रभारी एसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि जलीस के मोबाइल से कुछ संदिग्ध नंबर मिले हैं। उनकी जांच की जा रही है। कानपुर, लखनऊ व यूपी में उसके नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है। उसके साथियों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।
नेपाल के बुटवल में नया ठिकाना बनाने की कर रहा था कोशिश
डॉक्टर बम नाम से कुख्यात आतंकी डॉ. जलीस अंसारी नेपाल के बुटवल में नया ठिकाना बनाने वाला था। वहां वह सस्ते उपकरणों व केमिकल से ज्यादा मारक क्षमता के बम बनाने की तैयारी कर रहा था। पैरोल पर छूटने के बाद उसने 20 दिन में कई पुराने दोस्तों को फोन किए। कई के स्लीपर सेल होने की आशंका जताई जा रही है। पूछताछ में बताया कि शनिवार शाम नेपाल के सिद्धार्थनगर में उसे दो व्यक्ति लेने आने वाले थे। उनके साथ ही जाना था।
उपकरणों व केमिकल की मदद से बम बनाने वाला था
सुबह करीब 10 बजे मुंबई एटीएस की टीम जलीस को लेकर रेलबाजार थाना पहुंची। एसटीएफ कानपुर की टीम भी आई और फिर थाने में इंट्री के बाद उसको लेकर न्यायालय पहुंची। जहां से ट्रांजिट रिमांड पर उसे लेकर टीम सीधे अमौसी एयरपोर्ट लखनऊ रवाना हो गई। एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि शाम को फ्लाइट से जलीस को मुंबई ले जाया गया। इसके पहले रेलबाजार थाने में और फिर कोर्ट के बाहर पूछताछ के दौरान उसने कई राज उगले। जलीस ने बताया कि वह बम बनाने की नई तकनीक भी जानता है। अब वह बाजार में आसानी से उपलब्ध होने वाले उपकरणों व केमिकल की मदद से बम बनाने वाला था। इन बमों की डिमांड हर शहर में होने से खासा मुनाफा होता है। नेपाल जाकर वह इसी काम को करने वाला था, इसीलिए फंड की जरूरत थी।
डायरी में भी मिले नंबरों की जांच
जलीस के पास मिली पॉकेट डायरी में भी कई लोगों के नाम व मोबाइल नंबर लिखे हैं। कुछ नंबर कानपुर के बताए जा रहे हैं।
धर्मस्थल के साथ शिक्षण संस्थान में भी जांच
एटीएस और एसटीएफ ने शनिवार सुबह फेथफुलगंज के धर्मस्थल के साथ ही पास स्थित एक शिक्षण संस्थान में भी जांच की। जलीस ने शुक्रवार सुबह इसी धर्मस्थल पर नमाज अदा की थी और फिर वह शिक्षण संस्थान में भी गया था। हालांकि टीम को कोई सुराग नहीं मिल सका।