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पाकिस्तान से निपटेगी कानपुर की धनुष तोप, 114 तोप का ऑर्डर

सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच रक्षा मंत्रालय ने ओएफबी को दिया 114 तोप का ऑर्डर, पांच साल में 12 तोप से दागे साढ़े चार हजार गोले, अब बॉर्डर पर ले जाने की तैयारी

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 01:48 AM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 01:48 AM (IST)
पाकिस्तान से निपटेगी कानपुर की धनुष तोप, 114 तोप का ऑर्डर
पाकिस्तान से निपटेगी कानपुर की धनुष तोप, 114 तोप का ऑर्डर

जागरण संवाददाता, कानपुर : सीमा पर पाकिस्तान की नापाक हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सेना ने कमर कस ली है। बढ़ते तनाव के बीच दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए अब अंतरराष्ट्रीय मानकों की पहली स्वदेशी तोप 'धनुष' को बॉर्डर पर ले जाया जाएगा। कानपुर में विकसित इस तोप का पहली बार रक्षा मंत्रालय ने बल्क ऑर्डर आयुध निर्माणी बोर्ड को दिया है।

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देश के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक की 155 एमएम कैलिबर की पहली तोप कानपुर स्थित ऑर्डनेंस डेवलपमेंट सेंटर ने वर्ष 2011 में विकसित की। आयुध निर्माणी कानपुर और फील्डगन फैक्ट्री ने संयुक्त रूप से इसकी बैरल तैयार की, जबकि अंतिम रूप गन कैरिज फैक्ट्री जबलपुर ने दिया। पोखरण में लंबे समय तक चले परीक्षण के बाद आयुध निर्माणी बोर्ड ने वर्ष 2016 में 12 तोप सेना को सौंप दीं। संस्थान के सूत्रों ने बताया कि अभी तक इन 12 तोपों को सेना ने बॉर्डर पर इस्तेमाल नहीं किया। एक प्रकार से इनका परीक्षण ही सेना करती रही। अब तक इनसे साढ़े चार हजार गोले दागे जा चुके हैं। मारक क्षमता 40 किमी.तक है। यही वजह है कि सेना का भरोसा मेक इन इंडिया की साख मजबूत करने वाली धनुष तोप पर बढ़ा है।

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रक्षा मंत्रालय ने आयुध निर्माण बोर्ड को 114 धनुष तोप का ऑर्डर दिया है। अब इनकी सीधी सप्लाई सेना को होगी। निर्माणियों ने तीन साल में 114 तोप की आपूर्ति का लक्ष्य रखा है। मेक इन इंडिया अभियान में यह एक बड़ी कामयाबी है।

गगन चतुर्वेदी, उप महानिदेशक/मुख्यालय एवं जनसंपर्क, आयुध निर्माणी बोर्ड

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अब तक सेना को मिलीं मात्र दो बड़ी तोपें

भारतीय सेना को अंतरराष्ट्रीय स्तर की अब तक सिर्फ दो तोपें ही मिली थीं। 1987 में बोफोर्स मिली। उसमें विवाद फंसने के बाद लंबे समय कोई तोप नहीं आई। हाल ही में के-9 थंडर वज्र के लिए कोरिया से करार हुआ है। पहली स्वदेशी तोप धनुष और दूसरी शारंग है, जो कानपुर में ही विकसित हुई हैं। 300 शारंग तोप का ऑर्डर पिछले दिनों आयुध निर्माणी बोर्ड को मिल ही चुका है।


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