CSJMU के इंजीनियरिंग काॅलेजों में शिक्षक भर्ती शुरू, नए कोर्स की शरुआत की भी बनेगी योजना
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के यूआइईटी में अगले माह से छात्र-छात्राओं को शिक्षकों की कमी नहीं सताएगी। आवेदनों की स्क्रीनिंग के बाद बीटेक व एमसीए में विभिन्न विषयों के लिए शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
कानपुर, जेएनएन। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आॅफ इंजीनियरिंग ‘यूआइईटी’ के छात्रों के सामने अब शिक्षकों की कमी नहीं होगी। उन्हें जनवरी माह से पूरे शिक्षक मिलने लगेंगे। इससे उनकी कक्षाएं सुचारू रूप से चलने के साथ प्रयोगात्मक अध्ययन करना भी आसान हो जाएगा। आवेदनों की स्क्रीनिंग के बाद बीटेक, एमसीए व एमएससी समेत यूआइईटी के अंतर्गत संचालित अन्य कोर्स के लिए शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है।
विश्वविद्यालय के यूआइईटी में बीटेक, एमसीए, बीसीए व एमएससी के कोर्स में अध्ययरत 3200 छात्र छात्राओं को पढ़ाने के लिए अभी महज सौ शिक्षक हैं। इनमें सर्वाधिक शिक्षक बीटेक कोर्स के लिए हैं। शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए 13 शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। बीटेक के अलावा एमएससी इलेक्ट्राॅनिक्स, एमएससी एसेंशियल केमिस्ट्री व एमएससी एप्लाईड मैथमेटिक्स की कक्षाओं में भी यह शिक्षक पढ़ाएंगे जिससे स्नातकोत्तर के छात्र छात्राएं अपनी लघु शोध आसानी से कर सकें।
शिक्षक पूरे होने की सूरत में उन्हें वह दिशा निर्देश मिल सकेगा जिनकी उन्हें दरकार है। च्वाइस बेस्ट के्रडिट सिस्टम लागू होने के चलते अब बीटेक छात्रों के सामने कई नए विषय भी आ गए हैं। कंप्यूटर साइंस, इंफोर्मेशन टेक्नोलाॅजी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्राॅनिक्स एंड कम्युनिकेशन समेत अन्य ब्रांच के साथ इन नए विषयों को जोड़ने से छात्रों के पास मौके तो बढ़े हैं लेकिन साथ ही पढ़ाने के लिए अधिक शिक्षकों की जरूरत भी बढ़ गई है।
इंक्यूबेशन सेंटर में स्टार्टअप की तैयारी
यूआइइटी के छात्र छात्राओं के आइडिया को धरातल पर उतारने के लिए इंक्यूबेशन सेंटर भी बनकर तैयार हो गया है। अगले वर्ष से छात्र छात्राएं वहां पर अपने सपनों उड़ान भर सकेंगे। यहां पर आधुनिक प्रयोगशाला व लेटेस्ट टेक्नोलाॅजी की मशीनों लगाई जा रही हैं इससे छात्र छात्राएं अपनी सोच के जरिए नई तकनीक इजाद करने के लिए यहां परीक्षण कर सकेंगे। इससे उनके स्टार्टअप स्थापित करने की राह खुलेगी।
- ‘शिक्षकों की नियुक्ति से कई नए विषय शुरू किए जाने की योजना बनाई जा सकेगी। तकनीकी कोर्स में इंडस्ट्री का पाठ्यक्रम भी जोड़ने की तैयारी है। शिक्षकों की पर्याप्त संख्या होने से इंडस्ट्री ट्रेनिंग के लिए छात्रों को अधिक मागदर्शन प्राप्त हो सकेगा।’ -डाॅ. रवींद्रनाथ कटियार, निदेशक यूआइईटी