Move to Jagran APP

करदाता और लक्ष्य हो गया दोगुना, पर आयकर विभाग की दूर न हुई यह समस्या

नवंबर 2018 तक फिर से कैडर रिव्यू की बारी आ गई है लेकिन अभी तक वर्ष 2013 का कैडर रिव्यू ही लागू नहीं हुआ है।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 01:11 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 01:11 PM (IST)
करदाता और लक्ष्य हो गया दोगुना, पर आयकर विभाग की दूर न हुई यह समस्या
करदाता और लक्ष्य हो गया दोगुना, पर आयकर विभाग की दूर न हुई यह समस्या

कानपुर, जेएनएन। देश की विकास में प्रगति के लिए टैक्स वसूली की सबसे अहम भूमिका होती है, देश में आयकर का लक्ष्य और करदाताओं की संख्या बढ़कर दोगुना हो गई। इसके इतर विभाग में कर्मचारियों और अधिकारियों की संख्या उतनी भी नहीं है, जितनी मानक के अनुरुप होनी चाहिए। यही कारण है कि विभागीय अधिकारी और कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ा है। इस समय आयकर विभाग में पूरे देश में करीब 11000 अधिकारी और 70000 कर्मचारी होने चाहिए, जबकि 10000 अधिकारी करीब 35,000 कर्मचारी कार्यरत हैं। पिछले 5 वर्ष में आयकर विभाग में कार्य का बोझ बढ़ गया है। अधिकारियों के मुताबिक जो टैक्स का टारगेट 5 वर्ष पहले पांच लाख करोड़ था, वह इस वर्ष बढ़ कर 11.5 लाख करोड़ कर दिया गया है। करदाता पहले चार करोड़ थे जो अब आठ करोड़ हो गये हैं।

loksabha election banner

कैडर पुनर्गठन के पांच वर्ष बाद भी भर्ती नियम नहीं

आयकर विभाग में कैडर पुनर्गठन के पांच वर्ष बाद भी अधिकारियों-कर्मचारियों की भर्तियां नहीं हो पाई हैं। अब नवंबर 2018 तक फिर से कैडर रिव्यू की बारी आ गई है लेकिन वर्ष 2013 का कैडर रिव्यू ही लागू नहीं हो सका है और न ही एक्जीक्यूटिव असिस्टेंट के नाम से सृजित किया गया पद कार्य में आया है। इसकी भर्ती प्रक्रिया क्या होगी यह भी तय नहीं हो सका है। वो भी तब जब वर्तमान में आयकर विभाग में करीब 35000 अधिकारी और कर्मचारी कम हैं। एक्जीक्यूटिव असिस्टेंट पद की बात करें तो अकेले इसी पर 20 हजार भर्तियां होनी हैं।

80 हजार पद स्वीकृत किए गए थे

केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय के अधीन डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग होती है जो सभी सरकारी विभागों में 5 वर्ष में रिव्यू करता है कि कितने अधिकारी और कर्मचारी की जरूरत है। आयकर विभाग में वर्ष 2001 के बाद 2013 में कैडर रिव्यू हुआ था। वर्ष 2001 की बात करें तो उस समय 56000 अधिकारियों और कर्मचारियों की जरूरत थी। हालांकि इतने ही अधिकारी व कर्मचारी काम कर रहे थे लेकिन वर्ष 2013 में स्थितियां बदल गई। कैडर रिव्यू में काम के बोझ को देखते हुए 24 हजार अधिकारी और कर्मचारी और बढ़ाने की बात कही गई। इस तरह आयकर विभाग में पूरे देश में तकरीबन 80 हजार अधिकारियों कर्मचारियों के पद स्वीकृत किए गए। परंतु अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या घटकर 45 हजार तक आ गई। वर्ष 2013 में ही एक नया पद कैडर रिव्यू कमेटी ने बनाया। इसका नाम एक्जीक्यूटिव असिस्टेंट रखा गया। इसमें करीब 20,000 भर्तियां होनी थी। इसके बावजूद अभी यही तय नहीं है कि इन भर्तियों को किस तरह किया जाएगा। इनकी भर्तियां होंगी या पदोन्नति से पद भरे जाएंगे।

विभाग में पदों की प्रस्तावित संख्या

-5994 सहायक आयुक्त व उपायुक्त

-2294 संयुक्त आयुक्त

-1545 एडिशनल कमिश्नर

-300 प्रधान आयुक्त

-116 मुख्य आयुक्त

-26 प्रधान मुख्य आयुक्त

-70000 आयकर कर्मचारी

यह पड़ता है असर

अधिकारियों कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त न होने का असर छापे, सर्वे और क्लेम आदि पास करने पर भी पड़ता है। अधिकारियों के मुताबिक फील्ड में काम करने वाले कर्मचारी ज्यादा से ज्यादा संख्या में हो तो इससे राजस्व भी बढ़ेगा। आयकर राजपत्रित अधिकारी एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविन्द त्रिवेदी कहते हैं कि अभी वर्ष 2013 के कैडर रिव्यू की संस्तुतियां ही पूरी नहीं हुई हैं। नवंबर 2018 तक नया कैडर रिव्यू हो जाना चाहिए था लेकिन कमेटी गठित नहीं हो पाई है। इसके लिए ही अधिकारियों और कर्मचारियों की संयुक्त संघर्ष समिति आंदोलन कर रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.