इसी माह ले लें पिछले वित्तीय वर्ष का आइटीसी
पहला वर्ष होने के कारण व्यापारियों के मासिक रिटर्न में बहुत सारी गलतियां हैं। इस बार टैक्स आडिट रिपोर्ट में व्यापारियों को जीएसटी के टर्नओवर की भी जानकारी देनी है।
By Edited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 01:53 AM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 10:51 AM (IST)
जागरण संवाददाता, कानपुर : पिछले वित्तीय वर्ष में किसी खरीद का आइटीसी नहीं लिया है तो इस माह के कारोबार में उसे समायोजित कर लें। ये जानकारी रविवार को कानपुर गुड्स एंड सर्विस टैक्स सीए एसोसिएशन की गैंजेज क्लब में आयोजित गोष्ठी में मुख्य वक्ता सीए हिमांशु सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद इनकम टैक्स के अंतर्गत पहली बार आडिट करते समय बहुत सावधान रहने की जरूरत है।
पहला वर्ष होने के कारण व्यापारियों के मासिक रिटर्न में बहुत सारी गलतियां हैं। इसका सुधार कर लें। इस बार टैक्स आडिट रिपोर्ट में जीएसटी के टर्नओवर की भी जानकारी देनी है। इसके साथ ही टर्नओवर का मिलान भी करना है। जीएसटी में बहुत जल्दी-जल्दी नियमों में परिवर्तन किया गया, इसलिए इन पर ध्यान देना है। गोष्ठी के चेयरमैन पीके पांडेय थे। संचालन महासचिव एसके अवस्थी ने किया। स्वागत अध्यक्ष सीएल कानोडिया ने किया।
गोष्ठी में अतुल मेहरोत्रा, नवल किशोर गुप्ता, शिवांश मेहरा, राकेश स्याल, गोविंद कृष्णा, पंकज राजपाल, अजय गुप्ता, गौरव अरोड़ा आदि रहे। 15 लाख का माल रेलवे पार्सल में 50 हजार का ट्रेन से माल भेज रहे पान मसाला कारोबारी भारी कर अपवंचना कर रहे हैं। ई-वे बिल जारी न करना पड़े, इसके लिए 15 लाख रुपये का माल रेलवे पार्सल में 50 हजार रुपये से कम का दिखाया जा रहा।
वाणिज्य कर विभाग ने सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर ऐसा ही मामला पकड़ा है। इसमें 10 क्विंटल पान मसाला और पांच क्विंटल तंबाकू की कीमत 50 हजार से कम बताई गई है। 24 मार्च 2018 को रेलवे बोर्ड ने सभी स्टेशन को आदेश दिए थे कि वे बिना ई-वे बिल किसी भी पार्सल को न सौंपे। इस आदेश के अंत में एक लाइन थी कि 50 हजार से कम के माल पर ई-वे बिल की जरूरत नहीं।
इस एक लाइन का लाभ उठाकर माल भेजने में धोखाधड़ी की जा रही है। वाणिज्य कर विभाग ने पिछले दिनों मारे गए छापे में एक बिल पाया। माल जिस व्यक्ति ने बुक किया था, उसके पास ही जा रहा था। बिल पर 10 क्विंटल पान मसाला और पांच क्विंटल तंबाकू की बुकिंग दर्ज थी और कीमत 50 हजार रुपये से कम लिखी थी।
इसलिए ई-वे बिल नहीं जेनरेट किया गया। पान मसाला कारोबार से जुड़े लोगों के मुताबिक 10 क्विंटल पान मसाला का विक्रय मूल्य करीब 15 लाख रुपये होता है। मामले में बड़ी कार्रवाई की जा रही है।कानपुर सेंट्रल निदेशक जितेंद्र कुमार ने कहा कि रेलवे स्टेशन पर 50 हजार रुपये से ऊपर का जितना भी माल आता है, उसे बिना ई-वे बिल लिए नहीं छोड़ा जाता है। जो माल जाता है, उसकी कीमत कारोबारी घोषित करते हैं। समय-समय पर उसकी चेकिंग की जाती है।
88 फीसद टैक्स है इनपर
जीएसटी में पान मसाला व तंबाकू पर 28 फीसदटैक्स रेट है। इसके अलावा मूल कीमत पर 60 फीसद सेस भी लगाया जाता है। इस तरह कुल 88 फीसद टैक्स देना होता है। इसे बचाने के लिए ही माल की कीमत कम बताई जाती है।
पहला वर्ष होने के कारण व्यापारियों के मासिक रिटर्न में बहुत सारी गलतियां हैं। इसका सुधार कर लें। इस बार टैक्स आडिट रिपोर्ट में जीएसटी के टर्नओवर की भी जानकारी देनी है। इसके साथ ही टर्नओवर का मिलान भी करना है। जीएसटी में बहुत जल्दी-जल्दी नियमों में परिवर्तन किया गया, इसलिए इन पर ध्यान देना है। गोष्ठी के चेयरमैन पीके पांडेय थे। संचालन महासचिव एसके अवस्थी ने किया। स्वागत अध्यक्ष सीएल कानोडिया ने किया।
गोष्ठी में अतुल मेहरोत्रा, नवल किशोर गुप्ता, शिवांश मेहरा, राकेश स्याल, गोविंद कृष्णा, पंकज राजपाल, अजय गुप्ता, गौरव अरोड़ा आदि रहे। 15 लाख का माल रेलवे पार्सल में 50 हजार का ट्रेन से माल भेज रहे पान मसाला कारोबारी भारी कर अपवंचना कर रहे हैं। ई-वे बिल जारी न करना पड़े, इसके लिए 15 लाख रुपये का माल रेलवे पार्सल में 50 हजार रुपये से कम का दिखाया जा रहा।
वाणिज्य कर विभाग ने सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर ऐसा ही मामला पकड़ा है। इसमें 10 क्विंटल पान मसाला और पांच क्विंटल तंबाकू की कीमत 50 हजार से कम बताई गई है। 24 मार्च 2018 को रेलवे बोर्ड ने सभी स्टेशन को आदेश दिए थे कि वे बिना ई-वे बिल किसी भी पार्सल को न सौंपे। इस आदेश के अंत में एक लाइन थी कि 50 हजार से कम के माल पर ई-वे बिल की जरूरत नहीं।
इस एक लाइन का लाभ उठाकर माल भेजने में धोखाधड़ी की जा रही है। वाणिज्य कर विभाग ने पिछले दिनों मारे गए छापे में एक बिल पाया। माल जिस व्यक्ति ने बुक किया था, उसके पास ही जा रहा था। बिल पर 10 क्विंटल पान मसाला और पांच क्विंटल तंबाकू की बुकिंग दर्ज थी और कीमत 50 हजार रुपये से कम लिखी थी।
इसलिए ई-वे बिल नहीं जेनरेट किया गया। पान मसाला कारोबार से जुड़े लोगों के मुताबिक 10 क्विंटल पान मसाला का विक्रय मूल्य करीब 15 लाख रुपये होता है। मामले में बड़ी कार्रवाई की जा रही है।कानपुर सेंट्रल निदेशक जितेंद्र कुमार ने कहा कि रेलवे स्टेशन पर 50 हजार रुपये से ऊपर का जितना भी माल आता है, उसे बिना ई-वे बिल लिए नहीं छोड़ा जाता है। जो माल जाता है, उसकी कीमत कारोबारी घोषित करते हैं। समय-समय पर उसकी चेकिंग की जाती है।
88 फीसद टैक्स है इनपर
जीएसटी में पान मसाला व तंबाकू पर 28 फीसदटैक्स रेट है। इसके अलावा मूल कीमत पर 60 फीसद सेस भी लगाया जाता है। इस तरह कुल 88 फीसद टैक्स देना होता है। इसे बचाने के लिए ही माल की कीमत कम बताई जाती है।
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