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टेफ्को कॉलोनी मामले में कूदी भाजपा, सांसद ने सुना दर्द

एलनगंज स्थित टेफ्को कॉलोनी की लड़ाई में अब भारतीय जनता पार्टी भी कूद पड़ी है। मंगलवार को सांसद देवेंद्र सिंह भोले, भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी आदि भाजपाई टेफ्को कॉलोनी पहुंचे और स्थानीय लोगों के साथ उनका दर्द बांटा। शाम को सांसद के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल मंडलायुक्त से मिला और कॉलोनी वालों को राहत दिलाने पर वार्ता की।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 02:05 AM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 10:40 AM (IST)
टेफ्को कॉलोनी मामले में कूदी भाजपा, सांसद ने सुना दर्द
टेफ्को कॉलोनी मामले में कूदी भाजपा, सांसद ने सुना दर्द

जागरण संवाददाता, कानपुर: एलनगंज स्थित टेफ्को कॉलोनी की लड़ाई में अब भारतीय जनता पार्टी भी कूद पड़ी है। मंगलवार को सांसद देवेंद्र सिंह भोले, भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी आदि भाजपाई टेफ्को कॉलोनी पहुंचे और स्थानीय लोगों के साथ उनका दर्द बांटा। शाम को सांसद के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल मंडलायुक्त से मिला और कॉलोनी वालों को राहत दिलाने पर वार्ता की।

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टेफ्को कॉलोनी को खाली कराए जाने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद पहले दिन से ही सपा विधायक इरफान सोलंकी कॉलोनी वालों के साथ खड़े नजर आए थे। चूंकि आदेश हाईकोर्ट का है, इसलिए इस मामले में राजनैतिक रूप से अधिक सक्रियता देखने को नहीं मिली। मंगलवार को सांसद देवेंद्र सिंह भोले, जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी और अन्य भाजपा नेताओं के साथ टेफ्को कॉलोनी पहुंचे। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि अदालती कार्रवाई की हद में रहकर उनके द्वारा जो भी किया जा सकेगा, वह करेंगे। वह मंत्रालय में भी बात करेंगे। इसके बाद शाम को सांसद भाजपा नेताओं के साथ मंडलायुक्त से मिले और इस प्रकरण पर चर्चा की।

वहीं, कॉलोनीवासियों द्वारा शुरू किया गया बेमियादी धरना दूसरे दिन भी चला। सैकड़ों की संख्या में महिलाओं व बच्चे इसमें शामिल रहे। इस दौरान शैलेंद्र सिन्हा, धनीराम पैंथर, जीतू पैंथर, अवधेश सोनकर, राजीव सिंह, राजेश द्विवेदी, सरफराज, परवेज मंसूरी, योगेंद्र आदि मौजूद रहे।

कांशीराम आवास लेने को तैयार नहीं टेफ्को कालोनी के लोग

एलनगंज स्थित टेफ्को कालोनी के गरीब लोगों को प्रशासन कांशीराम आवास योजना के तहत आवास देना चाहता है, लेकिन वे तैयार नहीं हैं। मंगलवार को तहसीलदार सदर ने आवेदन फार्म भरने के लिए दिया, लेकिन लोगों ने उन्हें वापस कर दिया। तहसीलदार ने उन्हें बताया कि हाईकोर्ट का आदेश है तो उन्हें कालोनी खाली करनी पड़ेगी। इसलिए सरकार मकान दे रही है तो ले लें, लेकिन सबने मना कर दिया।

हाईकोर्ट ने कालोनी में अवैध रूप से रह रहे लोगों को हटाने का आदेश दिया है। तमाम लोगों को अब तक वहां से हटाया जा चुका है। जो लोग गरीब हैं उन्हें मकान देने का निर्णय डीएम सुरेंद्र सिंह ने लिया था। इसलिए तहसीलदार फार्म भरवाने गए थे। पांच टीमें खाली कराएंगी कालोनी

एडीएम सिटी सतीश पाल ने पांच टीमों का गठन किया है जो कालोनियों को कब्जा मुक्त कराएंगी। प्रत्येक टीम में एक एसीएम, तहसीलदार और लेखपाल नामित किए गए हैं। यहां 49 ब्लॉक में 640 क्वार्टर्स बने हुए हैं जिनमें लोग रह रहे हैं। सबकुछ शांतिपूर्ण ढंग से निपट जाए इसलिए एक सीओ, तीन एसओ, 10 सब इंस्पेक्टर और 2 कंपनी पीएसी की तैनाती की गई है।


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