Sushma Swaraj का कानपुर से था गहरा लगाव, 2012 में मुस्लिमों के बीच खाई पाटने की थी कोशिश Kanpur News
पूर्व विदेश मंत्री के निधन से शहर के भाजपा नेता उनके साथ बिताए पल याद करके भावुक हो गए।
कानपुर, जेएनएन। भाजपा ही नहीं बल्कि अपने दौर की सियासत में प्रखर वक्ता के तौर पर पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का नाम पहली पंक्ति में आता है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए वह कई बार शहर आईं। शहर से उनका गहरा लगाव था। इसलिए कई बार उन्होंने सामाजिक संस्थाओं के कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया। जब भी आईं, भाजपा और मुसलमानों के बीच की खाईं को पाटने की कोशिश करती रहीं।
शहर में अल्पसंख्यक मतदाताओं को ध्यान में रखकर सुषमा स्वराज ने भाषण दिया और कांग्रेस, सपा व बसपा को मुसलमानों का विरोधी बताने की कोशिश की। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में पनकी में दिए अपने भाषण में इसका ध्यान रखा था। हालांकि भाजपा की प्रत्याशी रहीं प्रेमलता कटियार हार गई थीं, लेकिन लोगों के जेहन में आज भी सुषमा स्वराज का सद्भाव और महंगाई पर भाषण देकर महिलाओं को रिझाना याद है। सभा में आए मुस्लिम समाज को उन्होंने भाजपा के करीब लाने की कोशिश की थी। उन्हें समझाया था कि कांग्रेस और सपा से लेकर बाकी सभी दलों ने उनका इस्तेमाल केवल वोट बैंक के रूप में ही किया है?
प्रेमलता को लगाया था गले
सभा में पूर्व विधायक प्रेमलता कटियार को गले लगाकर उन्हें बेदाग नेता करार दिया था। सुषमा स्वराज के निधन की खबर सुनकर प्रेमलता कटियार उनके साथ बिताए पल याद कर भावुक हो गईं। कहा, उनके मन में कार्यकर्ताओं के लिए सदैव आदर का भाव था। एक-एक वोट का महत्व समझती थीं और मुझे समझाया था। 2002 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने गोविंदनगर में बालचंद्र मिश्र के समर्थन में जनसभा की थी।
17 साल पहले लाजपत भवन में भाजपा के प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के कार्यक्रम में उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा था कि लोगों को पार्टी की नीतियां बताकर उन्हें अपने से जोड़ें। जब लोग जुड़ेंगे तभी पार्टी मजबूत होगी। स्वच्छ छवि के लोगों को पार्टी में लाने का मंत्र सुषमा स्वराज शहरवासियों को दे गई थीं।
पार्टी और देश को सदैव ऊपर रखा
दीनदयाल शोध केंद्र के निदेशक डॉ.श्याम बाबू गुप्ता कार्यक्रम में सुषमा स्वराज के साथ बिताए गए पलों को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि सुषमा जी ने पार्टी और देश को सदैव ऊपर रखा। कार्यकर्ताओं का सम्मान उनके लिए सर्वोपरि था। उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि भाजपा से हर वर्ग के लोगों को जोडऩा है। ताकि पार्टी और संगठन का विस्तार हो सके। इनमें चिकित्सक, अधिवक्ता, इंजीनियर सभी शामिल हों। लाजपत भवन में हुए श्री ओमर ïवैश्य शिल्प कला केंद्र के कार्यक्रम में भी वह बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई थीं।
महिलाओं ने पूछा था, इतना अच्छा कैसे बोल लेती हैं
सुषमा स्वराज वर्ष 1996 में पूर्व सांसद श्याम बिहारी मिश्र के समर्थन में बिल्हौर लोकसभा में जनसभा की थी। श्री मिश्र बताते हैं, जब ग्र्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने उनके ओजस्वी भाषण को सुना, तो सभा खत्म होने के बाद उन्हें घेर सा लिया था। वह पूछ रही थीं, आप इतना अच्छा कैसे बोल लेती हैं।
सुषमा दीदी बहुत याद आएंगी
औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि सुषमा दीदी बहुत याद आएंगी। पिछले हफ्ते ही उनसे दिल्ली में मुलाकात हुई थी। बुधवार को ही उनसे मिलने जाना था। उनके निधन से देश ने बड़ा राजनेता खो दिया है। मेरा व्यक्तिगत बड़ा नुकसान हुआ है। वह मेरे लिए बड़ी बहन की तरह थीं। 2017 को छोड़ मेरे हर चुनाव में उन्होंने जनसभा की।
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