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नीट------------ नीट-2020 में सिटी टॉपर बने सूर्याश

ऑल इंडिया रैंक 202 एम्स भोपाल से करना चाहते हैं एमबीबीएस

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 07:41 AM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 07:41 AM (IST)
नीट------------ नीट-2020 में सिटी टॉपर बने सूर्याश
नीट------------ नीट-2020 में सिटी टॉपर बने सूर्याश

जागरण संवाददाता, कानपुर : नीट 2020 में यशोदा नगर के सूर्यांश तिवारी सिटी टॉपर बने हैं। उनकी ऑल इंडिया 202 रैंक आई है। वह एम्स भोपाल से एमबीबीएस करना चाहते हैं। केजीएमयू लखनऊ और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली के लिए भी एडमिशन का विकल्प भरेंगे। वहीं शहर से तैयारी कर रहे हरदोई के करण सिंह की 265वीं रैंक आई है। तीसरे स्थान पर प्रांजल पांडेय हैं, उन्होंने 361 रैंक हासिल की। नीट के नतीजों के बाद देशभर के मेडिकल कॉलेजों में काउंसिलिग शुरू हो गई है। छात्र-छात्राएं एडमिशन के लिए च्वाइस फिलिग और सीट लॉक करेंगे। पहले चरण के बाद बाकी बची सीटों पर दूसरे राउंड में एडमिशन होंगे। यह प्रक्रिया कई चरणों में चलेगी। मेधावियों की सफलता पर उनके अभिभावकों और शिक्षकों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।

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न्यूरो सर्जन बनना चाहते हैं सूर्यांश

सिटी टॉपर सूर्याश तिवारी न्यूरो सर्जन बनना चाहते हैं। उनके पिता बृजेश तिवारी कारोबारी हैं, जबकि मां नीलम तिवारी हाउस वाइफ हैं। बड़ा भाई अविनाश एमबीए कर रहा है। सूर्यांश ने 12वीं की परीक्षा मर्सी मेमोरियल से 97.8 अंकों से उत्तीर्ण की है। सूर्यांश के मुताबिक वह दसवीं के बाद से ही तैयारियों में जुट गए। उन्होंने विषयों के साथ साथ सैंपल पेपर, प्रैक्टिस पेपर से तैयारी की। माता, पिता और बड़े भाई ने सहयोग किया।

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चाय वाले की बेटी बनेगी डॉक्टर

रविदासपुरम में एक कमरे के मकान में परिवार संग रहने वाले प्रेमशंकर की बेटी कंचन वर्मा डॉक्टर बनेगी। उसकी ऑल इंडिया 22,305 रैंक आई है। प्रेमशंकर चाय का स्टॉल लगाते हैं। कंचन की बड़ी बहन रजनी इंजीनियरिग कर रही है, जबकि छोटा भाई 10 वीं का छात्र है। मां राम सखी वर्मा गृहणी हैं। कंचन के मुताबिक पिता की मेहनत को देखकर उसने डॉक्टर बनने के लिए जी तोड़ तैयारी की। पहली ही बार में सफलता हासिल हुई। पढ़ाई और तैयारी में समाजसेवी संस्था के पदाधिकारियों ने मदद की है।

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पिता की मेहनत से मिला मुकाम

नीट में 11,302 रैंक लाने वाले आफताब के पिता मेहताब आलम दर्जी हैं। वह पिता की मेहनत देखकर डॉक्टर बनने के लिए दिन रात एक करता रहा और आखिर में उसे दूसरे प्रयास में मुकाम हासिल हुआ। उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई किदवई नगर में नानी के घर रहकर पूरी की, जबकि घर चौबेपुर में है। मां तनवीर फातिमा हाउस वाइफ हैं।

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सम्मान देखकर डॉक्टर बनने की ठानी

लालबंगला निवासी शिवानी अवस्थी की 11,430 रैंक है। वह पहले इंजीनियरिग और एमबीबीएस में किसे चुनें, इसे लेकर कन्फ्यूज थीं। कोरोना काल में डॉक्टरों के सम्मान और महत्व को लेकर उन्होंने डॉक्टर बनने की ठानी। वह जेईई मेन्स में भी शामिल हुईं थी। उनकी कामयाबी पर घर वाले खुश हैं।


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