अधीक्षण अभियंता ने तीन अभियंताओं पर लगा दिया गड़बड़ी का आरोप
पीडब्ल्यूडी की सड़कों के टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी का मामला
जागरण संवाददाता, कानपुर : चहेते ठेकेदारों को मनमाने तरीके से टेंडर देने में जांच के घेरे में आए अधीक्षण अभियंता जय सिंह मौर्य ने अब अपने ऊपर लगे आरोप तीन अधिशासी अभियंताओं पर मढ़ दिए हैं। जल्द ही कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए गए हैं।
पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार विनय द्विवेदी ने कई सड़कों के टेंडर पूरी लागत में देने का आरोप जय सिंह पर लगाया था। विनय की शिकायत पर मुख्यालय से जांच के आदेश हुए तो इसकी जांच कन्नौज के अधीक्षण अभियंता केसी वर्मा को सौंपी गई। जय सिंह ने 17 अक्टूबर को निर्माण खंड के सीपी गुप्ता व निर्माण खंड दो एसपी ओझा व प्रांतीय खंड कानपुर देहात के अधिशासी अभियंता भगवान दास को पत्र जारी किया है। इसमें लिखा है कि आप लोगों ने टेंडर प्रक्रिया में धांधली की है। इस पर जल्द ही कमेटी गठित कर जांच कराई जाएगी। इस पत्र की पुष्टि दो अभियंताओं ने की है। अधिशासी अभियंता सीपी गुप्ता ने पीएसी बैरक, जूही पुल से नौबस्ता हाईवे तक सड़क की मरम्मत सहित अन्य टेंडरों की फाइल में हस्ताक्षर नहीं किए। विभागीय जानकारी के अनुसार मुख्य व अधीक्षण अभियंता को पत्र लिखकर उन्होंने कहा है कि जब तक टेंडर के सारे मानक नहीं पूरे होते, तब तक वह हस्ताक्षर नहीं करेंगे। वहीं अधिकारियों के दबाव में आकर एसपी ओझा ने इंद्रानगर सड़क के टेंडर में हस्ताक्षर कर दिए थे। मुख्य अभियंता दिवाकर शुक्ला ने बताया कि अधीक्षण अभियंता पर चल रही जांच रिपोर्ट अभी आई नहीं है। अभियंताओं के दिए पत्र की मुझे जानकारी नहीं है। इस बारे में अधीक्षण अभियंता से बात करूंगा।