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हीरा न बन सके तो जौहरी बन गये सुनील

जागरण संवाददाता, कानपुर: मन में इच्छा थी क्रिकेट मैदान में हीरा बनकर चमचमाने की लेकिन जब किस्मत ने स

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Mar 2018 01:33 AM (IST)Updated: Fri, 23 Mar 2018 01:33 AM (IST)
हीरा न बन सके तो जौहरी बन गये सुनील
हीरा न बन सके तो जौहरी बन गये सुनील

जागरण संवाददाता, कानपुर: मन में इच्छा थी क्रिकेट मैदान में हीरा बनकर चमचमाने की लेकिन जब किस्मत ने साथ न दिया तो खुद अपनी किस्मत लिखी और खेल की दुनिया के जौहरी बन गये। अब अपना शौक वह खेल की प्रतिभाओं को खोजने और उन्हें तराशकर पूरा कर रहे हैं। सुबह से लेकर शाम तक बस एक ही काम कि क्रिकेट की दुनिया में शहर का नाम हो।

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बात हो रही मूलरूप से आगरा के पश्चिमपुरी निवासी व ग्रीनपार्क स्टेडियम के क्रिकेट कोच सुनील सिंह की। सुनील की इच्छा थी कि वह क्रिकेट का बेहतरीन खिलाड़ी बने। वह लेफ्ट आर्म आर्थोडॉक्स बालिंग भी करते थे, लेकिन किस्मत साथ नहीं दे रही थी तो पीसीएस रैंक आफिसर पिता की इच्छा थी कि जब बेटे का खेल में करियर नहीं बन पा रहा तो कम से कम सरकारी नौकरी तो मिल जाए। इसी बीच सुनील की खेल विभाग में नौकरी लग गई और 2009 में बीसीसीआइ लेवल ए कोच की परीक्षा उतीर्ण की साथ ही लेवल बी कोच की भी परीक्षा उत्तीर्ण करके खिलाड़ियों को तैयार करने में लग गये। ग्रीनपार्क क्रिकेट हॉस्टल के कोच बनकर करीब एक सैकड़ा खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर चुके हैं। आगरा में एढॉक कोच होने के दौरान वूमेंस टीम इंडिया में खेल रही पूनम यादव व दीप्ति शर्मा को भी प्रशिक्षण दे चुके हैं।

यह खिलाड़ी सीख चुके

-अंडर 23 आयुष अत्री

-अंडर 23 अल्मास शौकत

-अंडर 23 मो.फहीम

-इंडिया ए में अंकित राजपूत

खेल करियर

-5 बार अंतर विश्वविद्यालय

-आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी

-सेकेण्ड फेज इन नार्थ जोन इंटर यूनिवर्सिटी

-विजी ट्राफी

-अंडर 23 बोर्ड कप


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