दबिश देने झांसी जा रही पुलिस की गाड़ी पलटी, दारोगा की मौत, पांच पुलिसकर्मी घायल
पिंटू सेंगर हत्याकांड में एक आरोपित की गिरफ्तारी के लिए जा रही थीं दो गाडिय़ां हाईवे पर हुआ हादसा।
कानपुर, जेएनएन। पिंटू सेंगर की हत्या का ठेका लेने वाले आरोपित को पकडऩे के लिए दबिश देने जा रही पुलिस टीम की गाड़ी का टायर फटने से अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड्ड में जा गिरी। हादसे में चकेरी की शिवगोदावरी चौकी प्रभारी 40 वर्षीय मनोज पाटिल की मौत हो गई, जबकि पांच पुलिस कर्मी घायल हो गए। घायलों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
गाड़ी का टायर फटने से हुआ हादसा
पुलिस को बसपा नेता पिंटू सेंगर की हत्या का ठेका लेने वाले रेलबाजार के हैदर की लोकेशन झांसी में मिली थी। उसे पकडऩे के लिए शुक्रवार रात पुलिस टीम दो गाडिय़ों से झांसी रवाना हुई थी। इनोवा गाड़ी में शिवगोदावरी चौकी प्रभारी मनोज पाटिल, चमनगंज थाने की तकिया पार्क चौकी इंचार्ज मंसूर अहमद, कांस्टेबल अंकुर भदौरिया, आशीष, अशरफ और प्रबल प्रताप ङ्क्षसह थे। वहीं दूसरी गाड़ी में दारोगा राजकुमार, कांस्टेबल प्रदीप थे। चकेरी थाना प्रभारी रामकुमार गुप्ता के मुताबिक सुबह लगभग 5 बजे जब कार मोंठ नेशनल हाईवे के भुजौंद रेंज के पास पहुंची, तभी कार का टायर फट गया, जिससे वह अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड्ड में जा गिरी। इससे दारोगा मनोज पाटिल व मंसूर अहमद, सिपाही अंकुर भदौरिया, प्रबल प्रताप ङ्क्षसह, आशीष और अशरफ घायल हो गए।
दूसरी गाड़ी में चल रही टीम ने सभी को बाहर निकाला और जिला अस्पताल ले गई, जहां उपचार के दौरान मनोज पाटिल ने दम तोड़ दिया। वहीं मंसूर अहमद, प्रबल प्रताप और अंकुर भदौरिया, आशीष, अशरफ घायल हो गए। हालत गंभीर होने पर मंसूर अहमद, प्रबल प्रताप और अंकुर भदौरिया को सर्वोदय नगर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
2006 में यूपी पुलिस में हुए थे भर्ती
मूलरूप से फीरोजाबाद के जसराना निवासी मनोज पाटिल के परिवार में पत्नी प्रीति और दो बच्चे 6 वर्षीय मानवी और 5 वर्षीय जाह्नवी हैं। स्वजन ने बताया कि 2006 में वह यूपी पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे। 2015 में विभागीय परीक्षा देने के बाद वह दारोगा बने थे। वर्तमान में वह पत्नी व बच्चों के साथ श्याम नगर में किराए के मकान में रहते थे। हादसे की सूचना मिलते ही उनकी पत्नी बच्चों के साथ झांसी पहुंची। सीओ कैंट आरके चतुर्वेदी व थाना प्रभारी रामकुमार गुप्ता भी पहुंचे। उन्होंने पोस्टमार्टम प्रक्रिया के बाद उन्हें राजकीय सम्मान दिया, जिसके बाद उनका शव सीधे पैतृक घर भेजा गया।
पत्नी से हुई थी आखिरी बात
स्वजन ने बताया कि शनिवार भोर करीब चार बजे मनोज पाटिल ने अपनी पत्नी को फोन किया था। इस दौरान उन्होंने पत्नी को बताया था कि वह पहुंचने वाले हैं, तुम सो जाओ। इसके कुछ देर बाद ही यह हादसा हो गया।