शिक्षकों की नियुक्ति की उम्मीद ने बीएड के प्रति बढ़ाई रुचि, काउंसिलिंग में तेजी से भर रही सीटें
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध बीएड काॅलेजों में अबतक औसत 30 फीसद सीटें भर चुकी हैं तीसरे चरण में च्वाइस फिलिंग का सिलसिला चल रहा है। कुछ सीटों पर सीधे प्रवेश के लिए कॉलेज प्रबंधन को भी अधिकार दिया गया है।
कानपुर, जेएनएन। बीएड के दिन फिर बहुर रहे हैं। जहां पहले यह कोर्स दम तोड़ने की कगार पर पहुंच गया था आज इनमें दाखिला लेने के लिए छात्र उत्साहित हैं। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय ‘सीएसजेएमयू’ से जुड़े बीएड काॅलेजों में छात्र छात्राओं का सीट लाॅक करना इसका संकेत हैं। काउंसिलिंग का दूसरा चरण समाप्त होने के बाद विश्वविद्यालय से संबद्ध बीएड काॅलेजों में औसत 30 फीसद सीटें भर चुकी हैं जबकि च्वाइस फिलिंग का सिलसिला जारी है।
शिक्षकों की नियुक्ति के द्वार खोले जाने के कारण छात्रों का आकर्षण एक बार फिर बीएड के प्रति बढ़ा है। इसके अलावा बीएड डिग्री धारकों के लिए प्राइमरी शिक्षक बनने की राह खुलना भी एक बड़ा कारण है। बीएड की डिग्री प्राप्त करने के बाद उनके सामने प्राइमरी, माध्यमिक व उच्च शिक्षा यह तीन विकल्प खुल गए हैं।
सत्र 2020-21 में विश्वविद्यालय से संबद्ध 250 बीएड काॅलेजों की 20 हजार सीटों पर छात्र छात्राएं अपनी जगह पक्की करने के लिए उत्साहित हैं। पहले काउंसिलिंग के दूसरे चरण तक बड़ी मुश्किल से पांच से 10 फीसद सीटें भर पाती थीं। इस बार सीटें भरने की रफ्तार बढ़ी है। चार चरणों में काउंसिलिंग होनी है। अभी दो चरण और शेष हैं। उसके बाद पूल काउंसिलिंग होगी जिसके जरिए भी छूटे छात्र अपनी सीट पक्की कर सकेंगे।
काॅलेज प्रबंधन को सीधे प्रवेश देने का अधिकार
उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने बताया कि पूल काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगर कुछ सीटें बचती हैं तो उन्हें भरने का अधिकार प्रबंधन को दिया गया है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए प्रवेश प्रक्रिया अच्छी चल रही है। एक निजी काॅलेज प्रबंधन डाॅ. अनिल कुमार पोरवाल ने बताया कि समान्य वर्ग में प्रवेश तो लगातार हो रहे हैं लेकिन अनुसूचित जाति के छात्रों की सीटें भरने को लेकर चिंतित हैं। इसका कारण् यह है कि पहले उनका प्रवेश जीरो शुल्क पर किया जाता था इस बार उन्हें प्रवेश लेने के बाद समाज कल्याण विभाग से फीस मिलेगी जिससे छात्रों को पहले फीस जमा करनी पड़ेगी। अगर यह नियम न होता तो और तेजी के साथ प्रवेश प्रक्रिया चलती।
- ‘प्रवेश प्रक्रिया अच्छी चल रही है। दूसरा चरण समाप्त होेने के बाद च्वाइस फिलिंग करने वाले ज्यादातर छात्रों ने प्रवेश प्राप्त कर लिए हैं।’ -डाॅ. अनिल कुमार यादव, कुलसचिव सीएसजेएमयू