जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में आरोग्यम-19 की धूम, पहुंचे 27 स्कूलों के 1450 छात्र छात्राएं
मेडिकल कॉलेज की प्रदर्शनी में क्लीनिकल-नॉन क्लीनिकल विभागों के 22 स्टॉल लगाए गए।
कानपुर, जेएनएन। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव तरंग-2019 के पहले दिन चिकित्सा प्रदर्शनी आरोग्यम-19 की धूम रही। 27 स्कूलों के 1450 छात्र छात्राएं प्रदर्शनी देखने आए थे। उन्होंने कैप्सूल एवं टेबलेट बनाने का तरीका जानने के साथ ही सभी स्टॉलों पर जाकर चिकित्सा विज्ञान की बारीकियों को समझा।
मेडिकल कॉलेज के स्पोट्र्स ग्राउंड में लगी प्रदर्शनी देखने के लिए छात्र-छात्राओं का तांता लगा रहा। प्रदर्शनी में कॉलेज के क्लीनिकल एवं नॉन क्लीनिकल विभागों के 22 स्टॉल सजाए गए थे। फार्मेसी विभाग के स्टॉल में कैप्सूल एवं टेबलेट बनाने का प्रदर्शन किया गया। बाल रोग विभाग के स्टॉल में डॉ. रोली मोहन ने छात्राओं को किशोरावस्था की समस्याओं की जानकारी दी। उन्हें बताया, रोज एक घंटे से अधिक मोबाइल व टीवी न देखें। रोज 12 गिलास पानी और सुबह का नाश्ता जरूर करें। अपनी मानसिक एवं सेक्सुअल समस्याओं को लेकर खुलकर बात करें।
हड्डी रोग विभाग के स्टॉल में घुटना-कूल्हा प्रत्यारोपण व स्पोट्र्स इंजरी की जानकारी दी गई। मेडिसिन विभाग के स्टॉल में डेंगू, एनीमिया, पार्किंसन, मोटापा एवं अन्य रोगों के बारे में बताया गया। सर्जरी विभाग के स्टॉल में मोटापे की सर्जरी व जलने पर प्राथमिक उपचार करना बताया। हृदय रोग संस्थान के स्टॉल में बाईपास सर्जरी, हार्ट लंग मशीन, सीपीआर, एंजियोग्राफी एवं बैलूनिंग के मॉडल लगाए गए थे। एनाटॉमी विभाग के स्टॉल में कंकाल के माध्यम से मानव शरीर की संरचना के बारे में बताया गया।
सर्वश्रेष्ठ स्टॉलों की प्रतियोगिता हुई। एलटी-3 में क्विज एवं स्केचिंग प्रतियोगिता हुई। निर्णायक मंडल में वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. मीरा अग्निहोत्री, डॉ. देवेंद्र लालचंदानी, डॉ. वीएन त्रिपाठी, डॉ. राकेश चंद्रा शामिल रहे। इससे पहले मुख्य अतिथि सांसद देवेंद्र सिंह भोले एवं विशिष्ट अतिथि प्राचार्य प्रो. आरती लालचंदानी ने प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।
डेंगू पर नुक्कड़ नाटक
मेडिसिन विभाग की ओर से डेंगू पर नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। इसमें बीमारी से बचाव के लिए पानी का भराव न होने देने की सीख दी गई।
1450 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण
प्रदर्शनी में आए सभी 1450 छात्र छात्राओं का का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। उनकी वजन, लंबाई, मधुमेह एवं बीएमआइ की जांच की गई। गुलाबी रंग का रिपोर्ट कार्ड भी दिया गया।