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कोविड अस्पतालों में बेड खाली फिर भी भर्ती नहीं कर रहे मरीज

कल्याणपुर थानाक्षेत्र के कोविड नर्सिंगहोम में 10 से 12 हजार रुपये प्रतिदिन के खर्चे पर मिल रहा है बेड।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 02:12 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 02:12 AM (IST)
कोविड अस्पतालों में बेड खाली फिर भी भर्ती नहीं कर रहे मरीज
कोविड अस्पतालों में बेड खाली फिर भी भर्ती नहीं कर रहे मरीज

केस एक : कल्याणपुर थानाक्षेत्र के कोविड नर्सिंगहोम में 10 से 12 हजार रुपये प्रतिदिन के खर्चे पर बेड मिल रहा है। वहां के नंबर पर कॉल करने पर मरीज की पूरी जानकारी ली जाती है। उन्हें भर्ती होने का पूरा तरीका बताया जाता है। उनके यहां निश्शुल्क भर्ती की कोई व्यवस्था नहीं है। मरीज को सारी जांच रिपोर्ट लानी होगी।

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केस दो : नौबस्ता के कोविड नर्सिंगहोम में मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। ऑक्सीजन बेड की सुविधा नहीं है। आइसीयू बेड के लिए 15 हजार रुपये और नॉन आइसीयू को 13 हजार रुपये देने होंगे। दवाओं और इंजेक्शन के लिए अलग से चार्ज पड़ेगा। रोगियों के व्यवसाय और माली हालत के बारे में पूरी जानकारी ली जाती है।

--------- केस तीन : दक्षिण क्षेत्र का ही एक अन्य कोविड अस्पताल भर्ती होने से पहले मरीज की पूरी जानकारी ले रहा है। उनके यहां मौके पर भले ही बेड न मिले, लेकिन रोगी के खर्च करने के आश्वासन पर सब उपलब्ध हो जा रहा है। कोविड के कई संभावित मरीज भर्ती हैं।

--------- केस चार : कल्याणपुर क्षेत्र के कोविड अस्पताल ने बेड फुल होने की स्थिति बयां की, जबकि स्वास्थ्य विभाग की मंगलवार और बुधवार की रिपोर्ट जगह खाली होने का इशारा कर रही है। रोगी और उसके परिवार वालों की जानकारी हासिल की जा रही है।

--------- जागरण संवाददाता, कानपुर : कोविड संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए अधिक से अधिक जांच के साथ ही संक्रमितों की पहचान कर उनके इलाज की व्यवस्था की जा रही है। उसके लिए सरकारी और निजी कोविड अस्पताल तैयार किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की रिपोर्ट में बेड खाली हैं, जबकि अस्पताल मरीजों को लेने से इन्कार कर रहे हैं। किसी का कुछ कहना होता है तो कोई ऑक्सीजन न होने का बहाना कर रहा है। सोमवार और मंगलवार को ऑक्सीजन की समस्या जरूर हो गई थी, लेकिन शासन के अधिकारियों ने 30 टन ऑक्सीजन का स्टॉक होने का दावा किया है। फिर भी आखिर क्यों अस्पताल मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं। इसके लिए जागरण संवाददाता ने कुछ कोविड नर्सिंगहोम की पड़ताल की, जिसमें सब कुछ साफ हो गया। अस्पताल पहले रोगियों की बीमारी जानने से पहले उनके और घरवालों के व्यवसाय की जानकारी ले रहे हैं। ठीक ठाक स्थिति का पता चलने पर उन्हें अस्पताल की अन्य सुविधाओं के बारे में बताया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुल 2803 बेड में से 1774 में मरीज भर्ती हैं, जबकि 1029 बेड अभी भी खाली हैं। यह स्थिति कोविड अस्पतालों के आइसीयू, एचडीयू, आइसोलेशन वार्ड की है। डीएम आलोक तिवारी का कहना है कि कोविड नर्सिंगहोम और सरकारी अस्पतालों में खाली है। रोगी की समस्या को देखकर उन्हें भर्ती किया जाना चाहिए। सीएमओ डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि कुछ नर्सिंगहोम की शिकायतें आईं हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। संक्रमण के दौर में सहयोग करने की जरूरत है। मरीज और उनके तीमारदारों की शिकायतें आ रही हैं।

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डॉक्टरों से की अभद्रता

मरियमपुर में मरीज को दिखाने आए तीमारदारों ने इमरजेंसी के डॉक्टरों से अभद्रता और धक्कामुक्की की। अस्पताल प्रशासन ने मारपीट करने का आरोप लगाया है। नजीराबाद पुलिस को आरोपितों के खिलाफ शिकायत की गई है। डॉ. संजय वर्मा ने बताया कि डॉ. बलबीर सिंह और डॉ. आशुतोष दुबे इमरजेंसी में थे, तभी अचानक एक रोगी को लेकर उनके परिजन आए। डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि इन्हें दूसरी जगह ले जाएं, यह लेवल थ्री का अस्पताल नहीं है। इस पर उन्होंने अभद्रता की।


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