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इटावा रेलवे स्टेशन के बाहर दो युवकों के बैग में मिला कुछ ऐसा, देखने वाले रह गए सन्न Kanpur News

पश्चिम बंगाल जा रहे दो युवकों को लखनऊ एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 04 Aug 2019 04:19 PM (IST)Updated: Sun, 04 Aug 2019 04:19 PM (IST)
इटावा रेलवे स्टेशन के बाहर दो युवकों के बैग में मिला कुछ ऐसा, देखने वाले रह गए सन्न Kanpur News
इटावा रेलवे स्टेशन के बाहर दो युवकों के बैग में मिला कुछ ऐसा, देखने वाले रह गए सन्न Kanpur News

इटावा, जेएनएन। रेलवे स्टेशन के बाहर रविवार को उस समय अफरा तफरी मच गई जब लखनऊ की संयुक्त टीम ने दो लोगों को घेरकर तलाशी शुरू कर दी। उनके पास मिले बैग से कुछ ऐसा बरामद हुआ कि देखने वाले सन्न रह गए। टीम ने दोनों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया और मुकदमा दर्ज कराया है।

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रेलवे स्टेशन के बाहर की घेराबंदी

रविवार की सुबह सूचना के आधार पर लखनऊ की एसटीएफ, और वन विभाग, सोसायटी फॉर कन्जर्वेशन आफ नेचर की टीम ने अचानक दो युवकों की घेराबंदी कर दी। टीम की कार्रवाई देखकर अन्य लोगों में हड़कंप मच गया। लोगों कुछ समझ नहीं पाए और किसी अपराधी की धरपकड़ की आशंका जताने लगे। टीम ने जब उन युवकों के बैग की तलाशी ली तो देखने वाले भी सन्न रह गए। पूछताछ में दोनों ने ट्रेन से पश्चिम बंगाल जाने की जानकारी दी।

चंबल सैक्च्युरी से लाता कैलिपी

टीम को दोनों के बैग से सात किलो कैलिपी (झिल्ली) बरामद हुई। पकड़े गए कोकपुराशाला इटावा निवासी देवेंद्र सिंह उर्फ सीटू कैलिपी लेकर कार्तिक घोष निवासी पश्चिम बंगाल को देने रेलवे स्टेशन पर आया था। उसके पास से करीब ढाई किलो कैलिपी तथा कार्तिक घोष के बैग से करीब साढ़े चार किलो कैलिपी बरामद मिली। दोनों ने बताया कि पूरी कैलिपी करीब तीस कछुओं को मारकर निकाली गई है। कैलिपी को लेकर बुलंदशहर के सयाना कस्बे में राजू सिंह को देने जा रहे थे, वह उसे पश्चिम बंगाल ले जाता। देवेंद्र ने बताया कि चंबल सैंक्चुअरी क्षेत्र में कछुओं को मारकर कैलिपी लेकर आता था और और कार्तिक घोष को बेचता था।

टीम में शामिल रहे ये

पूरी कार्रवाई के दौरान संयुक्त टीम में एसटीएफ के शिवेंद्र सिंह, कृष्णकांत शुक्ला, त्रिदेव मिश्रा, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी सत्यपाल सिंह, उपप्रभागीय वन अधिकारी संजय सिंह डिप्टी रेंजर अजय कुमार त्रिपाठी, प्रबल प्रताप सिंह, ताबीस अहमद, संरक्षण अधिकारी भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून, डा. राजीव चौहान वन्य जीव विशेषज्ञ संजीव चौहान रहे। 

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