Move to Jagran APP

यूपीटीटीआइ छात्रों के लिए एक करोड़ का स्टार्टअप

जागरण संवाददाता, कानपुर : उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान (यूपीटीटीआइ) के छात्र बीटेक

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Jan 2018 01:41 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jan 2018 01:41 AM (IST)
यूपीटीटीआइ छात्रों के लिए एक करोड़ का स्टार्टअप
यूपीटीटीआइ छात्रों के लिए एक करोड़ का स्टार्टअप

जागरण संवाददाता, कानपुर :

loksabha election banner

उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान (यूपीटीटीआइ) के छात्र बीटेक के बाद खुद की कंपनी स्थापित कर सकेंगे। संस्थान ने इसके लिए करीब एक करोड़ का फंड रखा है। व‌र्ल्ड बैंक से स्वीकृति होने के बाद संस्थान को मिले दस करोड़ के अनुदान में इस प्रोजेक्ट को शामिल किया गया है। स्टार्टअप स्थापित करने वाले 48 छात्रों को प्रशिक्षण व उद्यमिता स्थापित करने की जानकारी लेने के लिए आइआइटी के सिडबी इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर भेजा गया है। यह टीम वस्त्र प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम कर रही है।

संस्थान ने इस साल इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेल के अंतर्गत टेक्सटाइल इंजीनिय¨रग व टेक्सटाइल टेक्नोलाजी समेत बीटेक की सभी ब्रांच को स्टार्टअप से जोड़ने जा रही है। बीटेक फाइनल के छात्रों ने नैनो टेक्नोलाजी के जरिए सस्ते व खुशबूदार कपड़े बनाने का आइडिया कार्ययोजना शामिल किया है।

फिनिशिंग स्कूल से खुलेंगे रोजगार के द्वार :

व‌र्ल्ड बैंक का अनुदान छात्रों के स्टार्टअप, प्रशिक्षण, पर्सनालिटी डेवलपमेंट व प्लेसमेंट में खर्च किया जाएगा। यूपीटीटीआइ निदेशक प्रो. मुकेश कुमार ने बताया कि छात्रों के प्रशिक्षण व उन्हें प्लेसमेंट के लिए तैयार करने को फिनिशिंग स्कूल स्थापित किया जा रहा है। जिसकी शुरुआत 29 जनवरी यानि मंगलवार से की जाएगी। यह क्लास पूरे सत्र के दौरान बीच बीच में संचालित की जाएगी। शुरुआती दौर में यह कक्षा दो हफ्ते की होगी। वहीं छात्रों के आइडिया को मूर्त रूप देने के लिए व‌र्ल्ड बैंक के अनुदान से एक सेंटर भी स्थापित किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.