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जीवन की रक्षा करेगा आइआइटी कानपुर के छात्रों का 'सेवियर एप'

आइआइटी कानपुर में ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण के दौरान छात्र-छात्राओं ने बनाए एप, पेपरलेस अटैंडेस एप रोकेगी फर्जी उपस्थिति

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Jul 2018 01:58 PM (IST)Updated: Sat, 14 Jul 2018 01:58 PM (IST)
जीवन की रक्षा करेगा आइआइटी कानपुर के छात्रों का 'सेवियर एप'
जीवन की रक्षा करेगा आइआइटी कानपुर के छात्रों का 'सेवियर एप'

जागरण संवाददाता,कानपुर: तकनीक के क्षेत्र में परिवर्तन, शोध व खोज की कोशिशें जारी हैं। इसी क्रम में आइआइटियंस ने जीवन बचाने वाला 'सेवियर एप' व प्राक्सी अटेंडेंस को रोकने वाला पेपरलेस अटेंडेंस एप बनाए हैं।

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आइआइटी कानपुर में कम्प्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आयोजित दो माह के ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम सीएसई एट आइआइटी के समर ऑफ कोड में ये दोनों एप बनाए गए हैं।

'सेवियर एप' बनाने वाले अनिकेत साघी, नमन गुप्ता, यशार्थ बाजपेयी, तन्मय यादव, सौरव कुमार ने बताया कि यह एप रिस्पांस टाइम को कम कर जान बचाने में मददगार है। सभी ने यह भी बताया इस एप में एसओएस बटन है। जिसमें पांच इमरजेंसी कान्टैक्ट जोड़े जा सकते हैं। यूजर की लोकेशन का पता लगाने के लिए मैप ट्रैकिंग है। इस एप द्वारा अचानक लगने वाले धक्के का पहले से पता लगाकर दुर्घटना से बचा सकता है। यह यूजर को 45 सेकेंड का समय देता है, समीप के अस्पताल तथा इमरजेंसी नंबर पर एलर्ट भी भेज देता है। इस उपलब्धि के लिए टीम को पहला स्थान मिला।

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पेपरलेस अटैंडेंस पहचान लेगा छात्र का चेहरा, लगेगी हाजिरी

गरिमेल्ला मोहन रघु, वतनूरी वामसी, चीन्दीराला संसाक, डी ए बदजीराव, कुमार गौरव सोंगारा की टीम ने परामर्शदाता रोहित नेगी की मदद से 'पेपरलेस अटैंडेंस' नाम से एप तैयार किया है। जो किसी छात्र या छात्रा का चेहरा पहचान कर उसकी उपस्थिति दर्ज कर लेगा। सदस्यों ने बताया कि इस एप के उपयोग से अधिक छात्र संख्या वाली कक्षाओं में प्राक्सी अटेंडेंस को रोकने में मदद मिलेगी। इसके लिए छात्र को अपना अनुक्रमांक, पाठ्यक्रम संख्या तथा दो फोटो जमा करना होगा। इसके बाद छात्र की सेल्फी की तुलना डाटाबेस में उपलब्ध उसकी फोटो से की जाएगी। कक्षा के फोटो की तुलना अन्य छात्र द्वारा अपलोड की गई फोटो से की जाएगी। इसी आधार पर छात्र की उपस्थिति मानी जाएगी अथवा निरस्त कर दी जाएगी। कुल 23 टीमों में से इस टीम को दूसरा स्थान मिला।

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करीब दो माह में इन विषयों पर ली जानकारी:

करीब दो महीने के प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को एचटीएमएल, जावास्क्रिप्ट, लैम्प स्टैक, पीएचपी, क्लाऊड होस्टिंग-आन माइक्रोसाफ्ट एज्योर क्लाऊड सिस्टम, सीएसएस, आइनिक, एसक्यूएल

बेसिक, कोर जावा, साफ्टवेयर आर्किटेक्चर, पायथन, डाटाबेस बेसिक, ड्रयूपल आदि विषयों में प्रशिक्षण दिया गया।

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50 दिनों से अधिक चला प्रशिक्षण: आइआइटी में प्रशिक्षण के कार्यक्रम की शुरुआत 21 मई से हुई थी, जिसका समापन शुक्रवार को हो गया। इस दौरान प्रतिभागियों ने पोस्टर एवं वीडियो प्रदर्शनी के माध्यम से अपने प्रोजेक्ट्स को प्रदर्शित किया। विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया। इस मौके पर प्रोफेसर संदीप शुक्ला समेत कई फैकल्टी मेंबर मौजूद रहे।


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