पैरेंट्स के लिए खास सलाह, बच्चों में क्या हैं कोरोना के लक्षण, सामान्य फ्लू में कैसे करें देखभाल
कोरोना और मौसम जनित फ्लू संक्रमण के लक्षण एक समान हैं ऐसे में अभिभावक परेशान हो रहे हैं। कानपुर के अस्पतालों की ओपीडी में निमोनिया से मामले बढ़ रहे हैं। पैरेंट्स को बच्चों की देखभाल के लिए खास बातों का ध्यान रखना होगा।
कानपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच मौसम की मार का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर हो रहा है। टीकाकरण नहीं होने से एक ओर जहां बच्चों पर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है वहीं, मौसमजनित बीमारियां भी इन्हें अपना शिकार बना रही हैं। एलएलआर अस्पताल में बाल रोग विभाग के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. मनीष यादव बताते हैं कि संक्रमण और वायरल के लक्षण लगभग समान होने से बच्चों को सुरक्षित रखना अभिभावकों के लिए चुनौती है। ऐसे में कम उम्र के बच्चों को घरों में सुरक्षित रखने का प्रयास करें। बाहरी संपर्क से बचाएं और गर्म कपड़े पहनाकर रखें। सर्दी, खांसी, जुकाम, उल्टी, दस्त और हरारत संक्रमण के शुरुआती लक्षण होते हैं जो मौसम बदलाव के कारण वायरल में भी देखने को मिलते हैं। उन्होंने बताया कि अचानक सर्दी बढऩे से ओपीडी में निमोनिया से जुड़े मामले बढ़ रहे हैं।
बच्चों में कोरोना संक्रमण के मुख्य लक्षण
बुखार
सर्दी
खांसी
शरीर में दर्द
तेज सांस लेना
पेशाब में कमी
गले में खराश
उल्टी दस्त
चिड़चिड़ापन
ऐसे करें बच्चों का बचाव और देखभाल
-बच्चों को बुखार होने की स्थिति में डाक्टर से सलाह जरूर लें।
-ज्यादा खांसी, उल्टी, दस्त, सांस लेने में दिक्कत, डिहाइड्रेशन पर तुंरत डाक्टर को दिखाएं।
-बुखार के साथ शरीर में दर्द होने पर डाक्टरी सलाह पर ही दवा लें।
-बच्चों को वायरल से बचाव के लिए गर्म कपड़े अवश्य पहनाएं।
-बाहर से आने पर सैनिटाइजेशन के बाद ही छोटे बच्चों के संपर्क में आएं।
-संभव हो तो घर में भी मास्क पहनकर रखें। इससे बच्चों की सुरक्षा बनी रहेगी।
-बच्चों को ठंडे पानी के संपर्क में कम से कम आने दें।
-छोटे बच्चों को दूध पिलाते समय मां मास्क का उपयोग कर सकती हैं।
कोरोना संक्रमित बच्चों का ऐसे रखें ध्यान
- बच्चों में सामान्य लक्षण होने पर सात दिनों तक आइसोलेट करके कोरोना गाइड लाइन का पालन करें।
- बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए ओआरएस, नारियल पानी, जूस, सूप और गर्म पानी पिलाएं।
- बुखार अधिक होने की दशा में नार्मल पानी से स्पंज बाथ कराएं।
- समय-समय पर बच्चों का आक्सीजन स्तर मापते रहेें।
- गले में दिक्कत होने पर नमक के पानी से गरारा कराएं।
- प्रोटीन व न्यूट्रीशन से भरपूर खाना खिलाएं।
-कोविड और नान कोविड संक्रमण दोनों खतरनाक होता है। अभिभावक बच्चों को सुरक्षित रखने की पूरी कोशिश करें। वर्तमान में कोविड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मास्क जरूर लगाएं और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें। बच्चों को सर्दी से बचाने का प्रयास करें। -डा. यशवंत राव, विभागाध्यक्ष बाल रोग विभाग।